भारत में तलाक लेने वालों में महिलाएं अव्वल
कोलकाता टाइम्स :
भारत में हुए धार्मिक समुदाय और सेक्स जनगणना २०१८ के वैवाहिक स्थिति पर जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि विवाहोपरान्त तलाक लेने और अपने पतियों से अलग रहने के मामले में महिलाएं अव्वल हैं। देश में तलाक लेकर अलग रहने वाले महिला-पुरुषों की कुल संख्या में ६७ फीसदी महिलाएं शामिल हैं। जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में शादी के बाद तलाक लेकर अलग रहने वाले ४८.९७ लाख लोगों में महिलाओं की संख्या ३२.८२ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में ३५.३५ लाख लोग शादी के बाद अलग रह रहे हैं, जबकि १३.६२ लाख लोग तलाक ले चुके हैं।
भारत में २३.७२ महिलाएं शादी के बाद अपने पति से अलग रह रही हैं। वहीं, ११.६२ पुरुष शादी के बाद अपनी पाqत्नयों से अलग रह रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ९.०९ लाख महिलाओं ने तलाक लिया है जबकि ४.५२ लाख पुरुषों ने तलाक लिया है। भारत में ५७.०८ करोड़ लोगों ने शादी नहीं की है। ५७.९५ करोड़ लोगों ने एक बार शादी की है, जबकि ५.५५ करोड़ लोग विधवा/ विधुर हैं। इस रिपोर्ट में मुस्लिमों की स्थिति बेहत चिंताजनक बताई गई है।
मुस्लिमों की १७.२२ करोड़ की आबादी में २२ फीसदी (३.८४ लाख) लोग शादी के बाद अलग-अलग रह रहे हैं। जबकि १५ फीसदी (२.६९ लाख) लोगों ने तलाक लिया है। वहीं, हिन्दुओं की स्थिति मुस्लिमों से कई गुना बेहतर है। मुस्लिमों की तुलना के अनुपात में देखा जाय तो हिन्दुओं में कुल आबादी के सिर्पâ २९ फीसदी लोग अलग रह रहे हैं और ०.०९ फीसदी लोगों का तलाक हुआ है। अलग रह रहे हिन्दू पुरुषों की संख्या ९.६६ लाख है जबकि महिलाओं की संख्या १९.०४ लाख है। वहीं, हिन्दुओं में तलाक लेने वाले पुरुषों की संख्या ३.४४ लाख है जबकि महिलाओं की संख्या ६.१८ लाख है।