शायद ही हो पता ? मांग उजाड़ने के लिए किन्नर भी करते हैं शादी
कोलकाता टाइम्स :
किन्नर समाज को दुनिया में लोग अलग नजरिये से देखते हैं कई लोग तो इनके बारे में बात करना भी पसंद नहीं करते। किन्नरों के रीति-रिवाज, रहन-सहन बारे में समाज में बहुत से अजीबो गरीब कहानियां फैली है। ऐसी किन्नरों के एक प्रथा के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी।
तमिलनाडु का कूवगम गांव को किन्नरों का तीर्थ स्थल माना जाता है। कूवगम गांव में किन्नर समाज हर साल कूवगम फेस्टिवल मनाता है। यह फेस्टिवल इस वर्ष भी 2 मई को खत्म हुआ है। इस फेस्टिवल में देश भर से ट्रांसजेंडर्स पहुंचे थे। कूवगम फेस्टिवल 18 दिनों तक चलता है और ट्रांसजेंडर्स इसे एक त्यौहार के रूप में मनाते हैं।
कूवगम फेस्टिवल के दौरान ट्रांसजेंडर्स हर रात अर्जुन के पुत्र अरावन की पूजा करने मंदिर जाते हैं। 18 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में मिस कूवगम ब्यूटी कॉन्टेस्ट भी आयोजित किया जाता है। उत्सव के आखिरी दिन महाभारत काल में अर्जुन के बेटे अरावन से एक रात के लिए शादी करते हैं। शादी के अगले दिन अरावन की मूर्ति की कूवगम में परिक्रमा की जाती है और नष्ट कर दिया जाता है।
अरावन से शादी वाले दिन सभी किन्नर दुल्हन की तरह खुद को तैयार करते हैं और मंगलसूत्र धारण करते हैं। हैरानी की बात है कि अगले ही दिन शादी करने वाले किन्नरों को विधवा कर दिया जाता है। विधवा होने के बाद चूड़ियों को नारियल से तोड़ दिया जाता है और मंगलसूत्र को हासिए से काट दिया जाता है। इसके बाद सभी किन्नर मातम मनाते हैं।
किन्नरों के इस उत्सव को देखने दूर-दराज से भारी संख्या में लोग आते हैं। मिस कूवगम ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीतने वाले किन्नर को बहुत इज्जत दी जाती है। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए पुलिस की कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किया जाता है और कड़ी सुरक्षा के बीच पूरे कार्यक्रम का आयोजन होता है।