July 5, 2024     Select Language
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रविवार को सूर्य देव को जल अर्पण करने से दूर भागेंगी ये 5 परेशानियां

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सूर्य देव असीम ऊर्जा के स्रोत हैं। रविवार के दिन सूर्य देव को अघ्र्य देने और उनकी पूजा का विधान है, इस दिन लोग व्रत रखते हैं, दान-दक्षिणा देते हैं। ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक दिन सूर्य देव को अघ्र्य देने से व्यक्ति के पास किसी चीज की कमी नहीं रहती है। आपके व्यक्तित्व में सूर्य जैसा तेज आता है।

आपने लोगों को प्रत्येक दिन सूर्य देव को अघ्र्य देते हुए देखा होगा। अगर आप किन्हीं कारणों से रोज अघ्र्य नहीं दे सकते हैं तो रविवार के दिन दीजिए, इसका बड़ा लाभ मिलेगा।

सूर्य देव को अघ्र्य देने का नियम

सूर्य देव को हमेशा तांबे के पात्र से ही अघ्र्य देना चाहिए। तांबा सूर्य देव के लिए प्रभावी धातु है। कभी भी अघ्र्य के लिए स्टील, चांदी, शीशे या प्लास्टिक के पात्रों का प्रयोग न करें।

सूर्य देव को अघ्र्य देने की विधि

स्नान करने के पश्चात आप एक तांबे के पात्र में स्वच्छ जल भर लें। उसमें रोली या लाल चंदन, लाल पुष्प, चावल और मिश्री डाल सकते हैं। भगवान सूर्य का ध्यान करने उनके सम्मुख जल अर्पित कर दें। इस दौरान आप इन मंत्रों में से किसी एक का जाप कर सकते हैं।

ॐ सूर्याय नम:

सूर्याय नमः ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

इन वस्तुओं का दान करें

सूर्य देव को अघ्र्य देने के बाद आप अपने सामर्थ्य के अनुसार, किसी ब्राह्मण या गरीब को तांबे के बर्तन, लाल कपड़े, गेंहू, गुड़, कमल-फूल और लाल चंदन रविवार के दिन दान करें।

इन समस्याओं से मिलेगी मुक्ति

ऐसा करने से सिरदर्द, पित्त रोग, आत्मिक निर्बलता, नेत्र दोष आदि समस्याओं से निजात मिलेगी। जोड़ों के दर्द और शरीर में अकड़न जैसी समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

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