‘चमकी’ ने अब तक ली 23 मासूमों की जान
कोलकाता टाइम्स :
बिहार में उमस भरी गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाली बीमारी चमकी बुखार से पीडि़त बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। मौसम की तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण संदिग्ध एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) नामक बीमारी से पिछले करीब एक सप्ताह में 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बीमारी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं. प्रत्येक वर्ष इस मौसम में मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारी का कहर जारी है। इस बीच पीडि़त बच्चों को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल मातृ सदन (अस्पताल) में भर्ती होने का सिलसिला जारी है।
एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुनील शाही ने सोमवार को बताया कि एसकेएमसीएच में सोमवार को बुखार से पीडि़त 20 बच्चे पहुंचे हैं। जिन्हें पीसीआईयू में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में अब तक 72 पीडि़त बच्चों को भर्ती कराया गया है, जिसमें से इलाज के दौरान 19 बच्चों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शुगर की कमी और कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्रा भी कम पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एईएस के संदिग्ध मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले चिकित्सक उसकी जांच कराते हैं। ब्लड शुगर, सोडियम, पोटाशियम की जांच के बाद ही उसका इलाज शुरू किया जाता है।