July 3, 2024     Select Language
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गिरीश कर्नाड के साथ ही जैसे सुनहरे युग का अंत   

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कोलकाता टाइम्स :
नके मौत के साथ ही जैसे एक सुनहरे युग का अंत हो गया। वरिष्ठ अभिनेता तथा नाटककार गिरीश कर्नाड का सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 81 साल के गिरीश कर्नाड काफी समय से बीमार चल रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार कर्नाड का जब निधन हुआ तब वह बेंगलुरु में थे। गिरीश कार्नाड का जन्म 19 मई 1938 को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। उन्हें भारत के जाने-माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार के तौर पर भी जाना जाता था
गौरतलब है कि 1960 के दशक में उनके ‘यायाती’ (1961), ऐतिहासिक ‘तुगलक’ (1964) जैसे नाटकों को समालोचकों ने सराहा था, जबकि उनकी तीन महत्वपूर्ण कृतियां ‘हयवदना’(1971), ‘नगा मंडला’(1988) और ‘तलेडेंगा’(1990) ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की. कर्नाड को पद्मश्री और पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है।  साथ ही कई कमर्सिअल फिल्मों में भी उनके अभिनय की जमकर तारीफ हुई। सलमान खान की सुपरहिट फिल्म ‘एक था टाइगर’ और ‘टाइगर जिंदा है’ में गिरीश कर्नाड ने काम किया था।

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