बलवान गृह को पहचन जीवन मं लाई सुख-समृद्धि
कोलकाता टिम्स :
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक जातक की जन्मकुंडली में कोई न कोई ऐसा ग्रह अवश्य होता है जो उसके जीवन का आधार होता है और उसे जीवन में हर प्रकार की सहायता करता है। यह ग्रह कारक ग्रह कहलाता है और कुंडली में जिस स्थान पर बैठता है उसके शुभ प्रभाव में वृद्धि करता है।
आपकी कुंडली में कौन-सा ग्रह है बलवान?
मेष लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह सूर्य होता है। मेष लग्न के लिए सूर्य चमत्कारी परिणाम देता है। यदि जन्मकुंडली में सूर्य मजबूत है तो जातक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में तरक्की करता है। वह उत्तम स्वास्थ्य का मालिक होता है और चारों ओर उसकी प्रसिद्धि फैलती है।
वृषभ लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह शनि है। शनि की प्रबलता वृषभ लग्न वालों को जमीन से आसमान तक तरक्की देती है। इनके जीवन में सारी समस्याओं का समाधान स्वत: हो जाता है। इस लग्न में शनि धन, उत्तम स्वास्थ्य, भौतिक सुख-सुविधाएं और अच्छे रिश्तों की सौगात देता है। शनि मजबूत होने पर जातक को कोई रोग नहीं घेर सकता।
मिथुन लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह बुध होता है। इस लग्न का स्वामी भी बुध है इसलिए जातक को जबर्दस्त तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाता है। व्यक्ति में सद्गुण होते हैं और उसकी सोच में शुद्धता रहती है। अगर बुध कमजोर हो तो जातक गलत निर्णय ले बैठता है। ठीक समय पर निर्णय नहीं ले पाने के कारण अक्सर नुकसान उठाता है।
कर्क लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह मंगल को माना गया है। कर्क लग्न के लिए मंगल का बलवान होना राजसी सुख प्रदान करता है। प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है। दुर्घटना और बड़ी बीमारियों से रक्षा होती है। कम प्रयास में ही ऐसा व्यक्ति ऊंचाइयों तक पहुंच जाता है। कर्क लग्न में यदि मंगल खराब अवस्था में हो तो जातक का विकास रूक जाता है।
यदि कुंडली में ये दोनों ही ग्रह बलवान हो तो…
सिंह लग्न : इस लग्न के लिए मंगल और गुरु दोनों को कारक ग्रह माना गया है। इस लग्न को दोनों ग्रहों की ताकत प्राप्त होती है। यदि कुंडली में ये दोनों ही ग्रह बलवान हो तो ऐसे जातक को कोई परास्त नहीं कर सकता। यह जीवन में आने वाले प्रत्येक संकट से बचा रहता है। व्यक्ति को आंतरिक और बाहरी शक्ति प्राप्त रहती है।
कन्या लग्न : इस लग्न के लिए शुक्र को प्रमुख ग्रह के तौर पर चिन्हित किया गया है। इस लग्न में शुक्र सर्वश्रेष्ठ परिणाम देता है। शुक्र के मजबूत होने पर जातक ऐश्वर्यशाली जीवन व्यतीत करता है। इसे समस्त भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त रहती है। ग्लैमर इंडस्ट्री में ऐसा जातक अच्छी सफलता हासिल करता है।
तुला लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह शनि होता है। शनि मजबूत हो तो जातक अभूतपूर्व सफलता अर्जित करता है। इसे किसी चीज का अभाव जीवन में नहीं रहता है। शनि की प्रबल स्थिति में जातक समाज और देश का प्रतिष्ठित व्यक्ति बनता है। इसकी ख्याति चारों ओर फैलती है।
वृश्चिक लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह बृहस्पति है। बृहस्पति के मजबूत होने पर धन, मान-सम्मान, उत्तम स्वास्थ्य, संतान सुख प्राप्त रहता है। जातक ज्ञानी और बुद्धिमान बनता है। लेकिन यदि बृहस्पति कमजोर है तो जातक की सफलता में हमेशा संदेह बना रहता है।
इन कार्यों से लाभ और धन प्राप्त होता है
धनु लग्न : इस लग्न के लिए मंगल को प्रमुख ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इस लग्न की पूरी ताकत मंगल के हाथ में होती है। मंगल मजबूत होने पर जीवन के संघर्षों से आराम मिलता है। कोर्ट-कचहरी, मुकदमों और विवादों से छुटकारा मिलता है। इस लग्न वालों को मंगल अन्य बुरे ग्रहों से बचाता है। मकर लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह शुक्र है। शुक्र मजबूत होने पर विद्या, बुद्धि, धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है। इन जातकों के कॅरियर में भी शुक्र सहायता करता है।
शुक्र मजबूत हो तो जातक को उत्तम ज्ञानी संतानों की प्राप्ति होती है।
कुंभ लग्न : इस लग्न के लिए बुध और शुक्र प्रमुख ग्रह होते हैं। हालांकि इनमें से शुक्र को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। अगर शुक्र अच्छा हो तो जातक प्रत्येक कार्य में बेहतर सफलता हासिल करता है और उसका नाम चारों ओर फैलता है। ऐसा व्यक्ति कम प्रयासों में अच्छी सफलता अर्जित कर लेता है।
मीन लग्न : इस लग्न के लिए मुख्य ग्रह चंद्र होता है। चंद्र मजबूत होने पर व्यक्ति ज्ञानी, लोकप्रिय और सफल माना जाता है। ऐसे जातक को अनेक कार्यों से लाभ और धन प्राप्त होता है। इन्हें कष्टों से चंद्र बचाता है और सफलता देता है।