वो जगह जहां पर 20 साल के बाद बहरे हो जाते हैं नौजवान
एमपी में इन दिनों एक जिले में अजीब बात देखने को मिल रही है। यहां पर 20 साल के होते ही युवक बहरे हो जाते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि यहां पर ऐसा कोई संक्रमण भी नहीं फैला है, जिसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके। ऐसे में लागातार बहरे होते युवक सभी के लिए पहेली बन गए हैं।
लेकिन इस बीच एक ऐसी बात भी उठकर सामने आ रही है, जिसे सुन अधिकारियों के जरूर कान खड़े हो गए हैं। नौकरी पानी है तो मेहनत तो करनी होगी। लेकिन अगर काम सिर्फ बहरे बनने से ही चल जाए वो भी असली नहीं बल्कि सिर्फ कागजी तो फिर तो क्या कहने। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है अजब एमपी के गजब मंडला जिले में, जहां लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए बहरे हुए जा रहे हैं।
मंडला जिले की बिछिया जनपद पंचायत के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मांद इन दिनों एक खास वजह से चर्चा में हैं। करीब 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में करीब 300 लोग अलग-अलग सरकारी नौकरी में हैं। लेकिन अब सरकारी नौकरी पाने वाले इन लोगों में से कई पर खुद ग्रामीण ही उंगली उठाने लगे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने बहरेपन का फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र बनवा लिया है और इस प्रमाणपत्र के आधार पर वो सरकारी नौकरी कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो ये सब नौकरी के वास्तविक हकदारों के साथ खिलवाड़ है। वहीं सरपंच अशोक उइके इस मामले में जांच करवाने की बात कर रहे हैं।
पंचायत सचिव गणेश आर्मो के मुताबिक, गांव में करीब एक दर्जन ऐसे विकलांग हैं जिन्हें शासन की योजना के तहत विकलांगता पेंशन मिलती है। साथ ही कईयों को विकलांगता प्रमाणपत्र के आधार पर शासकीय नौकरी हासिल है।