इराक में भी बसे भगवान राम ? भित्तिचित्र है प्रमाण
कोलकाता टाइम्स :
अगर धार्मिक किताबों की मने तो कण-कण में बेस राम। और इसी दावे को सच प्रमाणित करता है इराक में मिले यह भित्तिचित्र। इराक में मिले इस भित्तिचित्र से दावा किया जा सकता है कि वहां भी राम मौजूद थे। या वहां भी राम को पूजने वाले थे। एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल इसी साल जून में इराक गया था. यहां पर उन्हें लगभग 2000 ईसा पूर्व के भित्ति चित्र को देखने को मिले। इस चित्रों के बारे में अयोध्या शोध संस्थान का दावा है कि यह भगवान राम की एक छवि है। यह भित्तिचित्र दरबंद-ई-बेलुला चट्टान में बना मिला है। यह इलाका इराक के होरेन शेखान क्षेत्र में एक संकरे मार्ग से गुजरता है। इसमें एक नंगी छाती वाले राजा को दिखाया गया है, जो धनुष पर तीर ताने हैं, एक तरकश और उसकी कमर के पट्टे में एक खंजर या छोटी तलवार लगी है।
इस छवि मुड़े हुए हथेलियों के साथ एक दूसरी छवि नजर आती है। इसके बारे में अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक योगेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि यह हनुमान की छवि है। इराकी विद्वानों का कहना है कि यह भित्तिचित्र पहाड़ी जनजाति के प्रमुख टार्डुनी को दर्शाती है।
इराक में भारतीय राजदूत प्रदीप सिंह राजपुरोहित की अगुआई में प्रतिनिधिमंडल इराक गया।इसके लिए संस्कृति विभाग के अंतर्गत आने वाले अयोध्या शोध संस्थान ने अनुरोध किया था। एब्रिल वाणिज्य दूतावास में एक भारतीय राजनयिक, चंद्रमौली कर्ण, सुलेमानिया विश्वविद्यालय के इतिहासकार और कुर्दिस्तान के इराकी गवर्नर भी इस अभियान में शामिल हुए।