मर्दानगी बढ़ने की कीमत 40 लाख
कोलकाता टाइम्स :
आपने अपने घरों में छिपकलियां तो देखी ही होंगी। लेकिन, आज हम आपको ऐसी छिपकली के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में पहले आपने ना सुना होगा और ना ही कहीं पढ़ा होगा। इस छिपकली की कीमत भी इतनी है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
असल में गीको नामक इस छिपकली का मांस दवाईयां बनाने में उपयोग किया जाता है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाई बनाई जाती है। यहां तक कि इस छिपकली का इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में भी इसका उपयोग किया जाता है। इस वजह से इंटरनेशनल ब्लैक मार्केट में इस छिपकली की कीमत 40 लाख रुपए तक है।
यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल मंं पाई जाती है। जंगलों की निरंतर कटाई होने की वजह से गीको नामक यह छिपकली अब ख़त्म होती जा रही है।