फायदा जान हो जायेंगे इस रोटी के दीवाने
कोलकाता टाइम्स :
यह न सिर्फ आपको कई बीमारियों ये बचाती है, बल्कि डायबिटीज जैसी बीमारी होने पर अगर आप गेंहू और चने के आटे की मिक्स रोटी खाते हैं, तो आपका शुगर लेवल कंट्रोल हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है गेंहू और चने के आटे की मिक्स रोटी के फायदे और इसकी विधि।
मिस्सी रोटी बनाने की विधि : गेंहू और चने के आटे को मिलाकर रोटी बनाई जाती है जिसे मिस्सी रोटी भी कहते हैं। राजस्थान और पंजाब में लोग इसका खूब सेवन करते हैं। इसको बनाने के लिए चने के आटे यानी बेसन और गेंहू के आटे का अनुपात 1:2 में रखना चाहिए। जैसे अगर एक कप गेंहू का आटा लिया है तो दो कप चने का आटा लेकर गूंथ लेना चाहिए। फिर इसकी रोटी बनानी चाहिए।
डायबिटीज में फायदेमंद : चने के आटे में ग्लिसेमिक इंडेक्स 70 होता है जबकि गेंहू के आटे में 100 के करीब होता है इसलिए चने के आटे का सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है। इसलिए इसे डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहतर आहार माना जाता है। डायबिटीज के रोगियों को हर रोज गेंहू-चने के आटे की मिक्स रोटी खाने की सलाह दी जाती है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल का नियंत्रण : चने के आटे में अनसैचुरेटेड फैट्स मौजूद होता है। गेंहू के आटे के साथ मिलाकर खाने से ये स्वास्थय के लिए काफी लाभकारी होता हैं। जिससे हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल बेहतर रहता है। दोनों अनाजों की मिक्स चपाती गुड कॉलेस्ट्रॉल की उपस्थिति बनाए रखती है।
तनाव से रखें दूर : गेंहू और चने का आटा उच्च फाइबर का स्त्रोत हैं जिससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है। चने के आटे में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। डॉक्टर मानते हैं कि अगर शरीर में आयरन-कैल्श्यिम सही मात्रा में हो तो हम तनाव के कम शिकार होते हैं। जिससे मूड भी अच्छा रहता है। इसमें विटामिन बी6 भी पाया जाता है जो सेरोटोनिन बनाने में मदद करता है। सेरोटोनिन मूड को बेहतर करने में मदद करता है और तनाव से भी दूर रखता है।
गर्भावस्था में है लाभकारी : गर्भवती महिलाओं को मिस्सी रोटी खानी चाहिए। गेंहू और चने के मिक्स आटे में फॉस्फोरस और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जो गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। यह फोलेट का मुख्य स्त्रोत हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग, रीढ़ की हड्डी और पूर्ण विकास के लिए जरूरी तत्व माना जाता है।