September 29, 2024     Select Language
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गॉल ब्लाडर में पथरी से पाना हो निजात तो करें काम 

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कोलकाता टाइम्स : 

पित्त की थैली में पथरी (गॉल ब्लैडर स्टोन) का होना एक आम स्वास्थ्य समस्या है। पित्त की थैली पेट के दाएं ऊपरी भाग में लिवर के ऊपर चिपकी होती है। इसमें लिवर से बनने वाले एंजाइम संचित होते हैं। । गॉल ब्लाडर में पथरी बनना एक भयंकर पीड़ादायक रोग है। इसे पित्त पथरी कहते हैं। इस समस्या को कुछ घरेलू उपचारों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

1. गाजर और ककडी का रस को सौ मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीने से पित्त की पथरी में लाभ होता है।
सुबह खाली पेट पचास मिली लीटर नींबू का रस पीने से एक सप्ताह में लाभ होता है।

2. शराब, सिगरेट, चाय, कॉफी तथा शकर युक्त पेय हानिकारक हैं। इनसे जितना हो सके बचने की कोशिश करें।
नाशपती पित्त की पथरी में फायदेमंद होती है, इसे खूब खायें। इसमें पाये जाने वाले रसायनिक तत्वों से पित्ताषय के रोग दूर होते हैं।

3. विटामिन सी अर्थात एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर का प्रतिरक्षा प्रतो णाली मजबूत बनती है। यह कोलेस्ट्रोल को पित्त में बदल देता है। इसकी तीन से चार गोली रोज लेने पर पथरी में लाभ होता है।

4. पित्त पथरी के रोगी भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में हरी सब्जीयां और फल लें। इनमें कोलेस्ट्रोल कम मात्रा में होता है और यह प्रोटीन की जरूरत भी पूरी करते हैं।

5. तली और मसालेदार चीजों से दूर रहें और संतुलित भोजन ही करें।

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