ब्रेन हैमरेज होने पर रामवाण है यह आसान नुस्खा
कोलकाता टाइम्स :
ब्रेन हेमरेज एक बहुत ही गंभीर बीमारी है इस बीमारी में दिमाग में किसी प्रकार का रक्तस्त्राव होता है. इस प्रकार की बीमारी दिमाग में चोट लगने, गिरने या किसी से टकराने के कारण हो सकती है। इसमें व्यक्त को तेज सिरदर्द, चक्कर आना, देखने में परेशानी होना और बोलने या समझने में तकलीफ होने लगती है। कई मामलों में जैसे टायफॉइड, हैजा आदि रोगों में भी दिमाग में रक्त जमा होने से यह रोग हो सकता है।
बीमारी के प्रमुख लक्षण
दिमाग में अत्यधिक रक्तस्राव से रोगी की याददाश्त चली जाती है और उसे सांस लेने में परेशनी होने लगती है। इसके साथ ही इस बीमारी में आंखों की पलकें फैलने लगती हैं। इसके अलावा व्यक्ति के नाक व मुंह से रक्त निकलने लगता है और कई बार मुंह में खून भर जाता है।
सावधानियाँ
इस प्रकार की समस्या से ग्रसित रोगी को सीधा लिटाकर उसके सिर पर आइस बैग या ठंडे पानी की पट्टी रखें। किसी भी तरह की दिमागी चोट लगने पर यदि रोगी को चक्कर, सिरदर्द, उल्टी आने व धड़कनें तेज होने पर उसे लिटाकर सिर ऊंचा रखें। इस बात का विशेष ध्यान रहे कि कमरे में बिल्कुल भी हवा न आए. रोगी को दूध, मिश्री वाला पानी, कच्चे नारियल का पानी, ग्लूकोज और ठंडा पानी जैसे तरल पदार्थ दें। इसके बाद भी यदि रोगी के सिर या चेहरे पर गंभीर सूजन आए व उसे सिर में हलचल महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। अस्पताल ले जाते समय भी रोगी को लिटाकर रखें और ठंडे पानी की पट्टी करते रहें ताकि रक्तस्राव रुक जाए।
गंभीर अवस्था
अधिकतर मामलों में ब्रेन हैमरेज की गंभीर समस्या होने पर मरीज को एलोपैथिक इलाज के लिए फौरन अस्पताल ले जाया जाता है और बाद में होम्योपैथिक उपचार किया जाता है।
लक्षणों पर आधारित उपचार
ब्रेन हैमरेज में डॉक्टर सबसे पहले मरीज ट्रीटमेंट के तौर पर अर्निका टिंचर देते हैं। इसके अलावा अर्निका टिंचर का लोशन बनाकर इसमें सूती पट्टी भिगोकर सिर पर रखते हैं। गंभीर स्थिति में रक्तस्राव रोकने के लिए मिलीफोलियम और फैरमफॉस जैसी बायोकैमिक दवाएं देते हैं। इसके बाद लक्षणों के आधार पर हाइपेरिकम, बेलेडोना, फेरमफॉस, चायना, हेमामिलस, इपिकाक, जिरेनियम मैकुलेटम आदि दवाएं दी जाती हैं।