पाकिस्तानी डॉक्टरों से अरब देशों ने कहा, ‘देश छोड़ो वरना निर्वासित करेंगे’
कोलकाता टाइम्स :
उन पाकिस्तानी डॉक्टरों के सामने मुसीबत आ कड़ी हुई है जो अरब देशों में प्रैक्टिस करते हैं। सऊदी अरब और कुछ अन्य अरब देशों ने पाकिस्तान के सदियों पुराने स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम- एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) और एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) को अस्वीकार कर दिया है। पाकिस्तान के ज्यादातर डाक्टर जो सऊदी अरब में हैं, उन्हें कह दिया गया है कि या तो वे खुद उनका देश छोड़ दें या फिर उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा।
पाकिस्तान के एमएस/एमडी की डिग्री को अस्वीकार करते हुए सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि इसमें संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम का अभाव है, जो महत्वपूर्ण पदों के लिए मेडिक्स को रखने के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। सऊदी सरकार के कदम के बाद, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। वहीं, भारत, मिस्त्र, सूडान और बांग्लादेश की डिग्रियों को वैधता प्रदान की है। यानि इन देशों के डिग्रीधारक डॉक्टर वहां मेडिकल प्रैक्टिस जारी रख सकते हैं।
दरअसल, 2016 में सऊदी के स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने अधिकतर प्रभावित डॉक्टरों को काम पर रखा था, जब उन्होंने ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के बाद कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में साक्षात्कार आयोजित किए थे।