भारत की नस में 2000 के हूबहू नकली नोटों का जहर घोलने की कोशिश में पाकिस्तान
कोलकाता टाइम्स :
पाकिस्तान अब किसी भी तरह भारत पर चोट करना चाहता है। जिसके लिए अब उसका निशाना भारत की अर्थव्यवस्था है।अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए अब वह 2000 रूपए के नकली नोट का जहर भारत के नस में घोलना चाह रहा है। देश के कई हिस्सों में जब्त किए 2000 रुपये के नकली नोटों का पाया जाना सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। उनका मानना है कि नकली नोट की ये खेप पाकिस्तान की तरफ से भेजी गई है। ये नोट पूरी तरह असली नज़र आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तानी तंत्र ने 2000 रुपये के नोट की हू-ब-हू नकल कर ली। जो बिना सरकारी मदद के मुमकिन नहीं है। सच तो यह है कि पाकिस्तानी सिक्यॉरिटी प्रेस में छपकर भारतीय बाजार में झोंके जा चुके 2000 के इन नकली नोटों और भारतीय नोट में सुरक्षा एजेंसियां और दिल्ली पुलिस भी फर्क नहीं कर पा रही है।
जब्त नकली नोटों की खेप की जांच के बाद यह साबित हो रहा है कि एक बड़ी साजिश के तहत पाकिस्तान का सरकारी तंत्र भारत की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए हाई-क्वालिटी के जाली भारतीय नोट थोक के हिसाब से छाप रहा है।
जांच में पता चला है कि कराची के ‘मलीर-हाल्ट’ इलाके में स्थित ‘पाकिस्तानी सिक्यॉरिटी प्रेस’ में छापे जा रहे इस जाली नोट में भी पहली बार ‘ऑप्टिकल वेरियबल इंक’ का इस्तेमाल किया गया है। यह विशेष किस्म की स्याही 2000 के नोट के धागे पर इस्तेमाल होती है। इस इंक की खासियत है कि यह नोट पर हरे रंग की दिखाई देती है। नोट की दिशा ऊपर-नीचे करने पर इस स्याही का रंग बदलकर खुद-ब-खुद नीला हो जाता है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भारतीय खुफिया एजेंसियों की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है 2000 और 500 के नए नोट एक और प्रमुख सिक्यॉरिटी फीचर की भी पहली बार आईएसआई के गुर्गों ने हू-ब-हू नकल कर ली है। 2000 के नए भारतीय नोट के एकदम बाईं और दाईं ओर के किनारे में ‘ब्लीड-लाइनें’ खींची गई हैं। ये सात लाइनें असल में विशेष रूप से नेत्रहीनों को नोट की पहचान आसानी से कराने में सहायक होती हैं। यह भी उच्च भारतीय तकनीक का ही कमाल है कि, नोट को गोल आकार में मोड़ने पर इन लाइनों के आपस में सधे हुए तरीके से मिल पाना अब तक लगभग नामुमकिन समझा जाता था।