July 1, 2024     Select Language
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सावधान : हनुमान जी की पूजा में इन गलतियों का मतलब …

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कोलकाता टाइम्स :

नमक का सेवन वर्जित

जो लोग हनुमान जी की पूजा और मंगलवार का व्रत करते हैं उन्हें इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी वस्‍तु दान दें विशेष रूप से मिठाई तो उस दिन स्‍वयं मीठे का सेवन ना करें।

स्‍त्रियां हनुमान जी का पूजन और स्‍पर्श ना करें

राम भक्‍त हनुमान सीता जी में माता का दर्शन करते थे और बाल ब्रह्मचारी के रूप में स्‍त्रियों के स्‍पर्श से दूर रहते हैं। इसलिए माता स्‍वरूप स्‍त्री से पूजन करवाना और उनका स्‍पर्श करना वे पसंद नहीं करते। फिर भी यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी के चरणों में दीप प्रज्‍जवलित कर सकती हैं।  लेकिन उन्‍हें ना तो छुयें, नाहीं उनके तिलक करें और उन्‍हें वस्‍त्र भी अर्पित ना करें।

लाल रंग ही प्रिय 

भूल कर भी काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा न करें। ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है इसलिए उनकी पूजा लाल, और यदि लाल ना हो तो पीले वस्‍त्र में ही करें।

शुद्धता का रखें ध्‍यान 

हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्‍व है, इसलिए मंगलवार को उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्‍वच्‍छ कर लें। इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी ना तो हनुमान जी के मंदिर ना जाये और ना घर पर उनकी पूजा न करें। वरना हनुमान जी कुपित हो भयंकर परिणाम भुगतने का दंड दे सकते है। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी मन को भटकने न दें।

शांतिप्रिय हनुमान

यदि आप का मन अशांत है और आप क्रोध में है तब भी हनुमान जी की पूजा न करें। शांतिप्रिय हनुमान को ऐसी पूजा से प्रसन्‍नता नहीं होती और उसका फल नहीं मिलता।

ये भी रखें ध्‍यान 

हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं होता है। साथ खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है।

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