July 3, 2024     Select Language
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यह 5 लक्षण बताते हैं आपके पितर तृप्‍त हैं या नहीं, करें ये आसान उपाय

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कोलकाता टाइम्स :

परिवार में क्‍लेश रहना: अगर घर पर सारे सुख साधन होने के बाद भी क्‍लेश रहता है। पर‍िजनों में लड़ाई झगड़ा होता है तो माना जाता है प‍ितर अतृप्‍त है।

स‍ंतान सुन न म‍िलना: यदि विवाह के कई वर्षो बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसका मतलब भी माना जाता है क‍ि पि‍तृ दोष लगा है।

गंभीर रोगों से घि‍रना: पर‍िवार में अशांत‍ि व अचानक से पर‍िजनों का गंभीर बीमार‍ियों से ग्रस‍ित होना भी पि‍तरों के अतृप्‍त होने की ओर संकेत करता है।

काम में बाधा आना:  हर बड़े-छोटे काम में अचानक से बाधाएं आ जाना है। काम बनते-बनते ऐन वक्‍त पर रुक जाना भी प‍ितृ दोष ही माना जाता है।

प‍ितरों के सपने आना: अच्‍छी कमाई के बाद आर्थि‍क स्‍ि‍थत‍ियों से जूझना और अक्‍सर प‍ितरों से जुड़े भयानक सपने आना भी प‍ितरों का अतृप्‍त माना जाता है।

करें ये 5 आसान उपाय:
प‍ितृ पक्ष में श्राद्ध करेंप‍ितृ पक्ष में प‍ितरों की व‍िध‍िवि‍धान से श्राद्ध करके भी इस दोष से आसानी से बचा जा सकता है। प‍ितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं।

नदी में तर्पण से लाभ:  प‍ितृ पक्ष में कि‍सी पवित्र नदी के जल में काले तिल डालकर तर्पण जरूर करना चाह‍िए। इससे भी पितृ दोषों में कमी आती है।

चार जीवों को भोजन: प‍ितृ पक्ष में चीटीं, गाय, कौए और गाय को भोजन कराकर प‍ितरों को खुश क‍िया जा सकता है। इससे प‍ितृ दोष से छुटकारा म‍िलता है।

पीपल के पेड़ में जलश्राद्ध पक्ष में पीपल के पेड़ में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढाएं। इससे भी प‍ितृ दोष से बचा जा सकता है।

ईष्‍ट देव की आराधना: पि‍तृ दोष से छुटकारा पाने के लि‍ए हर द‍िन अपने ईष्‍ट देव की आराधना करें। उनसे प्रार्थना करें क‍ि इस दोष से मुक्‍त‍ि द‍िलाएं।

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