November 23, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular

प्रतिदिन इस मंत्र के जपने का फायदा मानता है विज्ञान भी

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

पने बचपन से सुना होगा, कि जब भी किसी समस्या के कारण मन शांति खोने लगे तो ‘गायत्री मंत्र’ का जप करने से मन को शांति मिलती है। बल्कि अधिकतर प्रार्थनाओं में भी गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाता है। बड़े-बुर्जुगों द्वारा कहा जाता है कि इस मंत्र के रोजाना उच्चारण करने मात्र से ही, कई समस्याओं और विपदाओं का नाश होता है। आपने भी ध्यान दिया होगा कि वेदों और पुराण में कई मंत्र ऐसे हैं जिनके बारे में कोई शायद ही जानता हो या फिर किसी को याद हो। लेकिन ‘गायत्री मंत्र’ के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं। शास्त्रों के अनुसार ‘गायत्री मंत्र’ की उत्पत्ति ऋषि विश्वामित्र ने अपने कठोर तप से की थी. ऋग्वेद में यह मंत्र संस्कृत में लिखा गया था।

आपके भूलने की बीमारी को दूर कर सकता है ये मंत्र

नियमित रूप से गायत्री मंत्र को जपने के धार्मिक आधार के साथ वैज्ञानिक कारण भी है। आइए जानते है गायत्री मंत्र को जपने के वैज्ञानिक कारणों के बारे में।

वैज्ञानिक प्रभाव : 

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस छोटे से गायत्री मंत्र को उच्चारित करते समय प्रति सेंकेड 110,000 विभिन्न प्रकार की तरंगे (वेव) उत्पन्न होती है। जिससे दिमाग किसी तरह की तनावपूर्ण बातें नहीं सोच पाता और मन को शांति का अनुभव होता है।

इस मंत्र को उच्चारित करने का सबसे सही समय सूर्य उदय से 90 मिनट पूर्व है। इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क ये है कि सुबह वायु शुद्ध होती है।

इसका उच्चारण करते समय 110,000 तरह की तरंगों का संचार हमारी सांसों द्वारा पूरे शरीर में होता है। जिससे कई रोगों का निदान होता है।

इसलिए गायत्री मंत्र का उच्चारण बहुत आवश्यक माना जाता है। गायत्री मंत्र से जुड़ी सबसे खास बात ये है कि इस मंत्र के उच्चारण से, होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में न केवल भारत में कई धारणाएं हैं बल्कि विदेशों में भी समूह में गायत्री मंत्र का उच्चारण करने के लिए सेमिनार का आयोजन किया जाता है। दक्षिण अमेरिका में गायत्री मंत्र पर रोजाना विशेष कार्यक्रम, वहां के मुख्य रेडियो स्टेशनों पर किया जाता है।

Related Posts