November 23, 2024     Select Language
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हिन्दुस्तान तो क्या अपनी धरती हमारी निशान तक नहीं मिटा सकता पाकिस्तान 

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कोलकाता टाइम्स :

15 अगस्त 1947 को एशिया का उपमहाद्वीप कहलाने वाला भारत, ब्रिटिश हुकूमत से आजाद तो हो गया, लेकिन द्विराष्ट्र के सिद्धांत पर। अंग्रेजों ने भारत को आजादी इसी शर्त पर दी कि अखंड भारत खंडित होगा। हिंदुस्तान और पाकिस्तान के रूप में। भारत का विभाजन माउंटबेटन योजना, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के आधार पर किया गया।

बंटवारे के बाद पाकिस्तान की नीयत में खोट रही जो आज भी दिखती है लेकिन पाकिस्तान सुन ले…तेरे देश में आज भी हिंदुस्तान के निशान बाकी है और ये निशान आज भी दिखते हैं और हमारी कहानी बयां करते हैं। आइए आपको ऐसी ही दास्तां दिखाते हैं जो उस दौर की याद दिलाते हैं जब ये दोनों मुल्क एक थे।

ग्रांड ट्रंक रोड

शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गया दक्षिण एशिया का सबसे पुराना और लंबा मार्ग ग्रांड ट्रंक रोड आज भी दोनों देशों के रिश्तों की गाथा सुनाती है। दो सदियों से अधिक काल के लिए इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को जोड़ा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगांव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफगानिस्तान में काबुल तक जाता है।

कोस मीनार

जीटी रोड के किनारे हर कोस पर मीनारें बनवाई गई थीं। अधिकतर इन्हें 1556-1707 के बीच बनाया गया था। कई मीनारें आज भी सुरक्षित हैं तथा इन्हें दिल्ली-अंबाला राजमार्ग और पाकिस्तान में भी पर देखा जा सकता है। तस्वीर में, बाईं तरफ इस्लामाबाद में जीटी रोड का दृश्य और बाईं तरफ लाहौर में स्थित कोस मीनार।

हिंगलाज माता मंदिर

यह मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सिंध राज्य की राजधानी कराची से 120 किमी उत्तर-पश्चिम में हिंगोल नदी के तट पर ल्यारी तहसील के मकराना के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित है। यह 51 शक्तिपीठ में से एक माना जाता है और कहते हैं कि यहां सती माता के शव को भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से काटे जाने पर यहां उनका ब्रह्मरंध्र (सिर) गिरा था। पाक में और भी कई मशहूर हिंदू मंदिर मौजूद हैं।

ट्रेन का रिश्ता

सीमा पर भले कंटीले तार हों लेकिन ट्रेनों की चाल को बंटवारा भी नहीं रोक सका है। थार एक्सप्रेस और समझौता एक्सप्रेस इसी का उदाहरण है। बंटवारे के बाद ट्रेनों से हुए विस्थापन की तस्वीरें आप आज भी देखते ही होंगे। ये तस्वीर 7 अगस्त 1947 की है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पाकिस्तान सरकार के स्टाफ को कराची लेकर जाती एक स्पेशल ट्रेन।

मीठी कस्बा

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात को लेकर आप अक्सर ही कई तरह की खबरें सुनते होंगे लेकिन यहां सिंध प्रांत में एक ऐसा कस्बा है जहां हिंदू और मुस्लिम बड़े प्यार और भाईचारे से रहते हैं। हिंदू की बहुलता वाले इस कस्बे का नाम मीठी है। मीठी थारपारकर जिले में स्थित है। ये कस्बा लाहौर से 879 किलोमीटर दूर है।

हिंदू राजा का महल

पाकिस्तान में हिन्दू राजा का महल स्वात घाटी में मौजूद है। इस महल को वहां के आखिरी हिन्दू राजा ‘गिरा’ का बताया जाता है। 7 से 10 शताब्दी तक इस इलाके में उनका राज था। इसके बाद मुस्लिमों के आने के बाद यह उनके क्षेत्र से बाहर हो गया। पहाड़ियों पर मौजूद इसे शानदार महल के ऊपर से पूरी स्वात घाटी का शानदार नजारा देखा जा सकता है।

राजा राणा हमीर सिंह

पाकिस्तान की अमरकोट रियासत के हिन्दू राजा राणा हमीर सिंह का परिवार पाक राजनीति में अहम जगह रखता है। राणा हमीर सिंह उनके पिता राणा चंद्र सिंह अमरकोट के शासक परिवार से थे। राणा हमीर सिंह पाकिस्तानी संसद में सात बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वे पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के करीबी मित्र भी थे। 20 फरवरी 2015 को हमीर सिंह के बेटे की शादी राजस्थान की पद्मनी से हुई थी।

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