बिना चोरी किये कुछ नहीं देती यह देवी
कोलकाता टाइम्स :
वैसे तो चोरी करना बुरी बात है जिससे पाप लगता है ऐसा कहा जाता है। और अगर चोरी भगवान् के मंदर में ही हो जाये तो क्या होगा। लेकिन एक मंदिर ऐसा है जहाँ चोरी करना पाप नहीं बल्कि अच्छा माना जाता है।
दरअसल, देवभूमि उत्तराखण्ड में वैसे तो कई मंदिर हैं लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहाँ चोरी करने पर किसी की भी कामना पूरी होती है। जी हाँ,ये मंदिर है सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी मंदिर। यह मंदिर रुड़की के चुड़ियाला गांव में स्थित है। इस मंदिर में कई लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते है। यहाँ की परमपरा है कि जिन्हें पुत्र प्राप्ति की चाह होती वही लोग इस मंदिर में आते हैं वो भी जोड़े से ही। यहाँ आने पर माता के चरणों से लोकड़ा (लकड़ी का गुड्डा) चोरी करके अपने साथ ले जाए तो बेटा होता है।
उसके बाद बेटे के साथ यहाँ फिर से आना होगा। ऐसा कहा जाता है कि पुत्र होने पर भंडारा कराने के साथ ही दंपति आषाढ़ माह में ले गए लोकड़े के साथ ही एक अन्य लोकड़ा भी अपने पुत्र के हाथों से चढ़वाना ज़रूर आते हैं। इस मंदिर का निर्माण 1805 में लंढौरा रियासत के राजा ने करवाया था।