चीन का नकली चाँद निशाचर प्राणियों के लिए जानलेवा
कोलकाता टाइम्स :
सामानों की नक़ल से ऊब चुके चाइना अपने असमन के लिए चाँद की जो हूबहू कॉपी उतर रहा है वह अंतिम चरण पर है। अगले साल 2020 तक वहां के आसमान पर नकली चांद भी दूधिया रोशनी बिखेरता नजर आ जाए तो आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए। हालाँकि चीन के प्रकृति के सिद्धांत के खिलाफ इस योजना को वैज्ञानिकों ने खतरनाक कदम बताया है।
चीन एक तकनीक पर सालों से काम कर रहा है। संभवत: यह तकनीक 2020 तक पूर्णत: इस्तेमाल में आ जाएगी. दरअसल, चीन एक नकली चांद को चीन के आसमान पर भेजने की प्लानिंग में है। इसके बारे में करीब एक साल पहले ही एक चीनी कंपनी ने ऐलान किया था।
चीन के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कुछ रोज पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह काम चेंगडु इलाके में स्थित एक निजी एयरोस्पेस संस्थान कर रही है। इस संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि वे 2020 तक पृथ्वी की कक्षा में एक चमकदार सैटेलाइट भेजने की तैयारी में है। इसके बाद चीन में स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हालांकि, दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात से चिंतित हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस चांद के कारण निशाचर जानवरों पर असर पड़ेगा। वहीं, कई ने इस चांद के कारण रोशनी से जुड़े प्रदूषण में बढ़ोतरी पर चिंता जताई।