हैरान मत होइए, करोड़ों पुरुषों को नहीं मिलेगी दुल्हन
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कोलकाता टाइम्स :
चीन सरकार को आगाह किया गया है कि वर्ष 2020 तक लिंग अनुपात में असंतुलन इतना बढ़ जाएगा कि करीब दो करोड़ चालीस लाख चीनी पुरुषों को शादी के लिए लड़कियाँ नहीं मिलेंगी। ये अध्ययन चीन की सोशल साइंसिज़ अकादमी ने किया है। अकादमी के मुताबिक नवजात शिशुओं के लिंग अनुपात में अंसतुलन चीन में जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ी समस्या है।
अकादमी का कहना है कि समस्या का मुख्य कारण लिंग से जुड़ा गर्भपात है क्योंकि चीन में पारंपरिक तौर पर लड़कियों की तुलना में लड़कों को पसंद किया जाता है। गर्भपात से बढ़ी समस्या अध्ययन में कहा गया है कि लड़का पाने की तमन्ना के कारण चीन में गर्भपात करवाना आम बात है। ग्रामीण इलाक़ों में ये रुझान ज़्यादा देखा गया है।
80 के दशक में आई अल्ट्रासाउंड स्कैन की सुविधा के बाद गर्भपात में बढ़ोतरी हुई है। ताज़ा आँकड़ों से पता चलता है कि चीन में पैदा होने वाली हर 100 लड़कियों के मुकाबले 119 लड़कों का जन्म होता है। शहरी इलाक़ों में रहने वाले कई चीनी युवा इन दिनों बच्चे नहीं चाहते जिससे समस्या और बढ़ गई है। कुछ प्रांतो में तो हर 100 लड़कियों के जन्म की तुलना में 130 लड़कों का जन्म होता है। लिंग अनुपात के इस बढ़ते असंतुलन का मतलब है कि चीन के कुछ हिस्सों में मानव तस्करी और ज़बरदस्ती वेश्यावृत्ति करवाने की प्रथा बढ़ रही है।