यहां बूढ़ा होना है गुनाह, उम्र ढलते ही अपने ही मौत की नींद सुला देते हैं
[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :
परंपराओं और अंधविश्वासों के नाम पर भारत में क्या-क्या नही किया जाता इसका एक नया उदाहरण सामने आया है। तमिलनाड़ में एक ऐसी जगह है जहां परंपरा के नाम पर घर के सदस्य के बूढ़ा होते ही उसकी हत्या कर दी जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हत्या करने वाला और कोई नही बल्कि उसके परिवार के सदस्य ही होते हैं। ये परंपरा यहां सदियों से निभायी जा रही है।
तमिलनाडु की इस जगह पर इस भयानक कुप्रथा का शिकार बुजुर्गो को बनाया जाता है। यहां ठलाईकूठन नामक इस भयानक कुप्रथा में परिवार के ही सदस्य घर के बुजुर्गों को अपने हाथों से मार डालते हैं, और तो और इस दौरान गांव के अन्य लोग भी मौजूद रहते हैं, इसे वो लोग उत्सव की तरह मनाते हैं। यह परंपरा तमिलनाडु के कई दक्षिणी जिलों में आज भी जारी है।
घर में रह रहे बुजुर्ग की हत्या कब करनी है, इसका कोई निश्चित समय नहीं है। लेकिन यहां उन बुजुर्गों की हत्या की जाती है जो परिवार पर बोझ बनकर रह गए हैं या फिर किसी बुजुर्ग को कोई लाइलाज बीमारी हो जाए। तो परिवार के सभी सदस्य मिलकर उसकी हत्या कर देते हैं। यहां बुजुर्गो की हत्या करना उन्हें विदाई देने का एक सम्मानजनक तरीका माना जाता है। इसके तहत जो परिवार बुजुर्गों की सेवा नहीं कर पाता वो इस परंपरा के नाम पर उनकी हत्या कर देता है। सबसे अजीब बात यह है कि कभी-कभी तो बुजुर्ग खुद ऐसा करने को कहते हैं। वैसे परंपरा निभाते वक्त यहां के लोग काफी सतर्कता बरतते है ताकि पुलिस को इसकी भनक ना लगे क्योंकि ये कानूनन अपराध है और तमिलनाडु में इस परंपरा पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। बुजुर्गों को मारने के लिए यहां उन्हें ठंडे पानी से नहलाया जाता है ताकि उन्हें हार्ट अटैक आ जाए, तो कभी मिट्टी मिला पानी पिलाया जाता है, जिससे पेट खराब हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है।