चीन का टेक्नोलॉजी पावर बनने की और 5जी नेटवर्क का बड़ा कदम, करोड़ों ग्राहक कतार में
कोलकाता टाइम्स :
चीन के टेक्नोलॉजी पावर बनने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर गुरुवार को रखा गया। चीन की तीन सरकारी वायरलेस कंपनियों ने गुरुवार को देश के 50 शहरों में 5जी फोन सर्विस की शुरुआत कर दी है। इस सेवा के लिए कीमत 18 डॉलर (1260 रुपए) प्रति महीना रखी गई है। यह खासतौर पर तब जबकि अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध को लेकर इसे बंद रखा गया था. देश की सबसे बड़ी कंपनी चाइना मोबाइल लिमिटेड ने बीजिंग, शंघाई और शेनजेन सहित 50 बड़े शहरों में इस सेवा को शुरू कर दिया है। वहीं, प्रतिद्वंद्वी कंपनी चाइना टेलिकॉम कॉर्पोरेशन और चाइना यूनिकॉम हॉन्ग कॉन्ग लिमिटेड ने भी तुलनात्मक दरों के साथ अपनी सेवा को शुरू कर दिया है।
ऑपरेटरों ने अगले साल नेटवर्क शुरू करने की योजना बनाई थी। मगर, चीन की 5G उपकरण आपूर्तिकर्ता और प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी हुआवेई टेक्नोलॉजीज के अमेरिका में बहिष्कार किए जाने के बाद इन कंपनियों ने चीन में इसे जल्दी पेश कर दिया। अमेरिका में हुआवेई के उपकरणों का इस्तेमाल किए बिना ऑपरेटरों ने 5G सर्विस को कुछ शहरों के कुछ हिस्सों में शुरू कर दिया है। वहीं, दक्षिण कोरिया ने अप्रैल में इसके संस्करण की शुरुआत की थी। मगर, अपनी विशाल आबादी और कंपनियों द्वारा किए गए निवेश के बल पर चीन सबसे तेजी से 5जी सेवा का इस्तेमाल करने वाला सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
कुछ अन्य देशों ने इस साल की शुरुआत में 5जी सेवाएं शुरू कर दी थीं। लेकिन शुक्रवार को चीन व्यापारिक रूप से दुनिया में सबसे बड़ा 5G नेटवर्क इस्तेमाल करने वाला देश बन जाएगा। 5G सुविधा के लिए एक करोड़ से अधिक यूजर्स ने पहले से ही पंजीकरण करवा रखा है।