July 5, 2024     Select Language
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गालियां दीजिये, मार-पीट कीजिये सेहतमंद रहिये  

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कोलकाता टाइम्स :
गर आप किसी बात को लेकर मन ही मन लगातार कुढ़ते व कुंठित रहते हैं और चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते तो यह स्थिति आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। इस संदर्भ में अब तक हुए कई शोधों एवं अध्ययनों से यह स्पष्ट हो चुका है कि मन-मस्तिष्क में भरा रहने वाला यह गुबार अगर समय रहते बाहर नहीं आ पाता तो लंबे समय तक चलने वाली इस हालत का दुष्प्रभाव सेहत पर भी पड़ने लगता है।
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि जहर रूपी यह कुढ़न अंदर ही जमा न होती रहे बल्कि धीरे-धीरे बाहर आ जाए। सरल शब्दों में कहें तो स्वस्थ रहने के लिए मन की भड़ास निकालते रहें। घर-दफ्तर में काम के बोझ की मार, बॉस या टीचर की फटकार अथवा दोस्तों में तकरार, हर मर्ज की बस यही एक ‘दवा’ है।
कई बार व्यक्ति के सामने ऐसी परिस्थितियाँ होती हैं कि वह अपने गुस्से को मार-पीट से व्यक्त नहीं कर पाता। ऐसी हालत में संबंधित व्यक्ति को कोसने से मन को बहुत सुकून व शांति मिल सकती है। विश्वभर के मनोवैज्ञानिक एकमत से यह बात मानते हैं।
यह भी जरूरी नहीं है कि विरोधी, शत्रु या नापसंद व्यक्ति हमेशा सामने ही हो क्योंकि ऐसा होने पर तो बात और भी ज्यादा बिगड़ सकती है इसलिए उसके पीछे अगर उसका कोई प्रतीक चिह्न या पुतला आदि हो तो भी काम बन सकता है क्योंकि उसे कोसने या गालियाँ देने से भी गुस्सा शांत हो जाएगा।
एक जानकारी के अनुसार, जापान में तो बड़ी-बड़ी कंपनियों व कार्यालयों में ऐसे विशेष कक्ष की व्यवस्था का भी चलन रहा है जिसमें एक पुतला होता है। जब भी किसी कर्मचारी को अपने किसी सहयोगी कर्मचारी, अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति की वजह से गुस्सा आता है या तनाव होता है तो वह उस पुतले को गालियाँ देकर, मार-पीट कर अपनी भड़ास निकालता है।

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