चाहिए बहुत जल्द परिणाम तो हनुमान शाबर मंत्र है आपके लिए सही
कोलकाता टाइम्स :
मंत्रों की महत्ता के बारे में तो आप जानते ही हैं। हर बिगड़े काम को बनाने के लिए मंत्र मौजूद हैं। आज हम आपको ‘हनुमान शाबर मंत्र’ के बारे में बताएंगे। जानिए, हनुमान शाबर मंत्र क्या हैं? उसकी महत्ता क्या है और उनका उच्चारण कैसे किया जाता है? किसी को भी वश में कर सकता है ये ‘हनुमान शाबर मंत्र’।
शाबर मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली होते है और बहुत जल्द ही परिणाम लाते हैं। ऐसा माना जाता है की शाबर मंत्र गुरु गोरखनाथ जी और नवनाथ चौरासी सिद्धों ने लिखे थे। यह मंत्र आमतौर पर ग्रामीण भारतीय भाषाओं में हैं. हालांकि ये मंत्र हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि इस्लाम में और अन्य धर्मों में भी हैं। लेकिन ये बात भी सच है कि इन मंत्रों को सबसे पहले गुरु गोरखनाथ जी ने लिखा था। हनुमान शाबर मंत्र एक तरह का वशीकरण मंत्र होता है।शाबर मंत्रों से किसी भी व्यक्ति को उन्हें उपयोग में लेने से पहले सिद्धि हासिल करने के जरुरत नहीं होती है क्योंकि वे पहले से ही सिद्ध मंत्र हैं।
सभी शाबर वशीकरण मंत्र अपने सपनों को पूरा करने के लिए या किसी उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए सीधे किसी पर नियंत्रण रखने के उपयोग में लाये जाते हैं। शाबर वशीकरण मंत्र विशेषज्ञ अपनी इच्छा के अनुसार आप के लिए शाबर मंत्र प्रदान कर सकता है। हनुमान मंत्र और शाबर मंत्र, दोनों का ही प्रयोग वशीकरण के लिए किया जाता हैं। हनुमान मंत्र और शाबर मंत्र दोनों ही बहुत शक्तिशाली है। दोनों मंत्रों में केवल एक ही अंतर है, कि हनुमान मंत्र साधने के लिए सिद्धि करना जरुरी है पर शाबर वशीकरण मंत्र के लिए सिद्धि करना जरुरी नहीं हैं।
हुनमानजी , भगवान शिव का अवतार हैं। भगवान हनुमान के रूप में तेजी है जैसी तेजी हमारे मन में होती है क्यूंकि उनकी गति वायु देव की तरह हैं। भगवान हनुमान का अपनी इन्द्रियों पर पूरा नियंत्रण है जैसे वायु देव का। भगवान हनुमान बंदरों की सेना के महानायक हैं। वे भगवान राम के दूत के रूप में विख्यात हैं। वे अतुलनीय शक्ति का भंडार है। वे राक्षसों की ताकतों का नाश करते है और सभी खतरों से मुक्त करवाते हैं। शाबर हनुमान मंत्र दुश्मनों के द्वारा फैलाई गयी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता रखता है।
हनुमान शाबर मंत्र का जाप करने के लिए काला कपड़ा पहनकर शुक्रवार से शुरुआत करें। इस मंत्र की माला लें और उस माला का 5 बार जाप करें लगातार 5 दिन तक। साधना के अंत में भगवान हनुमान की पूजा और माला के लिए एक गढ्ढा खोदें और जमीन में ये माला डाल दें.
हनुमान शाबर मन्त्र
हनुमान जाग.—- किलकारी मार.—- तू हुंकारे.—- राम काज सँवारे.—- ओढ़ सिंदूर सीता मैया का.—- तू प्रहरी राम द्वारे.—- मैं बुलाऊँ , तु अब आ.—- राम गीत तु गाता आ.—- नहीं आये तो हनुमाना.—- श्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाई.—- शब्द साँचा.—- पिंड कांचा.—- फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा.—-
वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रों के समान ‘शाबर-मंत्र’ भी अनादि और अचूक हैं। सभी मंत्रों के प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शंकर ही हैं, परंतु शाबर मंत्रों के प्रवर्तक भगवान शंकर प्रत्यक्षतया नहीं हैं। इन मंत्रों के प्रवर्तक शिव भक्त गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मत्स्येंद्र नाथ को माना जाता है। हनुमान साबर मंत्र : रात्रि में सोते समय यदि भूत-प्रेत आदि का डर लगता हो या जंगल में कहीं अनजान जगह सो रहे हों, तो हनुमानजी का यह चमत्कारिक साबर मंत्र तीन बार पढ़कर निश्चिंत होकर सो जाएं। हनुमानजी आपकी हर प्रकार से रक्षा करेंगे। यह विदित हो कि यह मंत्र मात्र जानकारी हेतु है। इसको सिद्ध करने के लिए किसी ‘साबर मंत्र’ के जानकार से संपर्क करें।
मध्यकाल में कालिका माता, हनुमानजी, भैरवनाथ, बगलामुखी आदि देवी और देवताओं सहित कई यक्षिणियों, पिशाचिनियों आदि के साबर मंत्र भी बनाए गए थे। मध्यकाल में तांत्रिक, काला जादू जानने वाले, बंजारे, आदिवासी.वनवासी, घुमक्कड़ और ठेठ गांव के लोगों में प्रचलित थे ये साबर मंत्र। आम शहरी जनता में ये मंत्र कभी प्रचलित नहीं रहे। आज भी कई तांत्रिक और जानकार लोग ही इन गुप्त मंत्रों के रहस्य को जानते हैं। कई साबर मंत्र तो अब लुप्त हो चुके हैं। साबर मंत्र बहुत जल्दी से सिद्ध हो जाते हैं, लेकिन इनके नियमों का पालन भी करना अत्यंत जरूरी है।
नियमों और पवित्रता के पालन से यह मंत्र और भी असरकारक बन जाते हैं। यदि व्यक्ति इन साबर मंत्रों को गंभीरता से नहीं लेता है तो इसका उल्टा असर भी तुरंत शुरू हो जाता है इसीलिए इन मंत्रों को हंसी-मजाक में न लेकर इनको पूर्ण सम्मान के साथ लेना चाहिए। यदि आपका मन और नीयत साफ है तो ‘साबर मंत्र’ आपके साथ है। हनुमान साबर मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी समर्थ गुरुदेव से मंत्र दीक्षा लेकर रुद्राक्ष, मूंगे अथवा लाल चन्दन की माला से मंत्र का जप करें तभी यह सिद्ध होगा। फिर आप कहीं भी सोते वक्त यह मंत्र तीन बार पढ़कर सो जाएंगे, तो किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होगा। हालांकि जानकार लोग कहते हैं कि जिस व्यक्ति का चित्त निर्मल और कर्म शुद्ध होते हैं, उनको इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती। साबर मंत्रों को स्वयंसिद्ध माना गया है। इसके बोलते ही संबंधित देवी या देवता जाग्रत हो जाते हैं।