November 23, 2024     Select Language
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स्वस्थ वयस्कों के लिए ख़ुशख़बरी!

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कोलकाता टाइम्स :
वैज्ञानिकों का कहना है कि कॉलेस्टेरॉल कम करने की दवा ‘स्टेटिन’ स्वस्थ वयस्कों में भी भविष्य में होने वाले दिल के दौरों को कम कर सकती है। शोध संकेत देते हैं कि कॉलेस्टेरॉल कम करने की दवा ‘स्टेटिन ऐसे लोगों में भी हृदयाघात और दौरों के ख़तरे को लगभग आधा कर देती हैं जिन्होंने इससे पहले कभी ऐसे ख़तरे की कल्पना भी नहीं की होगी। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक सम्मेलन में बताया गया कि यह निष्कर्ष 26 देशों के 17,800 महिलाओं और पुरुषों पर किए गए शोध के बाद सामने आए हैं। कम या साधारण कॉलेस्टेरॉल वाले इन लोगों को स्टेटिन का सेवन कराया गया था। आमतौर पर यह दवा उन लोगों को दी जाती है जिनके कॉलेस्टेरॉल का स्तर काफ़ी ऊँचा होता है।
शोध के यह परिणाम ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन’ में प्रकाशित किए गए हैं। बीमारियों का संकेतक शोध किए जा रहे मरीज़ों का कॉलेस्टेरॉल स्तर उनसे कम था जिन्हें इलाज की ज़रूरत होती है और दिल की बीमारी के कोई संकेत नहीं थे। ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें कम ख़तरा होता है लेकिन ब्रिटेन में उन्हें स्टेटिन का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती लेकिन उनका सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर काफ़ी बढ़ा हुआ था।
 माना जाता है कि यह भविष्य में होने वाली दिल की बीमारियों का संकेतक होता है. दो साल तक इन मरीज़ों का परीक्षण करने के बाद पाया गया कि 20 मिलीग्राम स्टेटिन ने कॉलेस्टेरॉल को 50 फ़ीसदी और दिल की बीमारियों को 44 फ़ीसदी तक कम कर दिया। शोधार्थियों का कहना है कि इससे इन लोगों में दिल के दौरे, दिल की दूसरी बीमारियों और सीने के दर्द और दिल की बीमारियों से होने वाली मौत का ख़तरा 44 फ़ीसदी तक कम हो गया। यह कमी उन लोगों में भी देखी गई जिनमें अगले दस सालों तक दिल की बीमारियाँ होने का ख़तरा सबसे कम था।
नियमावली अब तक ब्रिटेन में लाखों वयस्कों को स्टेटिन का प्रयोग करने की सलाह दी जा चुकी है. ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ क्लीनिकल एंड हैल्थ एक्सीलेंस (नाइस) ने डॉक्टरों को सलाह दी है कि वे लोगों के रक्तचाप, कॉलेस्टेऱॉल, वजन और दूसरे लक्षणों के आधार पर ख़तरे का एक आँकड़ा तैयार करें. नाइस के अनुसार ऐसे मरीज़ जिन्हें अगले दस सालों में दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा 20 फ़ीसदी है।
को सिमवास्टिन की ख़ुराक रोज़ाना खाने की सलाह दी जानी चाहिए जो सबसे सस्ता स्टेटिन है। उत्तरी नार्थशेर में प्रेक्टिस कर रहे और प्राइमरी केयर कार्डियोवास्कुलर सोसायटी के अध्यक्ष डॉक्टर टेरी मैककोर्मेक ने कहा कि इस शोध के परिणाम बहुत आश्चर्यजनक थे और हमारी उम्मीद से भी ज़्यादा बेहतर थे. उन्होंने कहा कि नाइस को खर्च बचाने के अपने आँकड़ों का ताज़ा शोध के आधार पर दोबारा आकलन करना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें कम ख़तरा होता है लेकिन ब्रिटेन में उन्हें स्टेटिन का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती। यह प्रयोग जिसे पाँच साल तक के लिए आयोजित किया गया था, को शोधार्थियों के अनुसार बेहतरीन परिणाम आने पर दो साल में ही सीमित कर दिया गया।

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