November 23, 2024     Select Language
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पैर सूंघकर बन सकते हैं करोड़पति, यह कंपनी दे रही ऑफर 

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कोलकाता टाइम्स :

च्छी नौकरी संग अच्छी सैलरी के लोग क्या नहीं करते। दिन-रात मेहनत करके पैसे कमाते हैं। लेकिन अगर थोड़ा सा काम और लाखों कमाई हो तो कौन नहीं करना चाहेगा? ऐसा ही काम है बगल सूंघना यानि आर्मपिट्स और पैर सूंघना। क्या आप यह इमैजिन कर सकते हैं कि कोई कंपनी लोगों के आर्मपिट्स और पैर सूंघने के लिए करोड़ों का पैकेज देगी, लेकिन यह सच है। मलेशिया में प्रिंस्टन कन्जूयमर रिसर्च नाम की एक कंपनी को ऐसे लोगों की जरूरत है जो यह काम कर सकें।

बता दें कि प्रिंस्टन कन्जूयमर रिसर्च बड़ी कॉस्मेटिक कंपनियों के प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग का काम करती है। इन प्रोडक्ट्स में मुख्य रूप से डियोडोरेंट शामिल है। प्रिंस्टन कन्जूयमर रिसर्च के एक सीनियर रिसर्च स्टाफ का कहना है कि ऐसे काफी लोगों की जरूरत है, जो डियोडोरेंट टेस्टर का काम कर सकें। इसके लिए कंपनी सालाना 8 मिलियन आरएम (करीब 13 करोड़, 83 लाख रुपए) का पैकेज देगी।

प्रिंस्टन कन्जूयमर रिसर्च के स्टाफ का मानना है कि यह काम आसान नहीं है. कई लोगों के शरीर की बदबू इतनी खराब होती है कि उसे बर्दाश्त कर पाना आसान नहीं होता। इस काम में लोगों के आर्मपिट्स और उनके पैरौं की बदबू को सूंघ कर उसकी 0 से 10 के बीच के स्केल में रैंकिंग करनी पड़ती है। इसके लिए एक पेपर कोन का यूज किया जाता है। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां प्रिंस्टन कन्जूयमर रिसर्च को 10 अलग-अलग तरह के डियोडोरेंट प्रोडक्ट भेजती है। उन्हें लोगों पर टेस्ट किया जाता है।

इसके बाद अलग-अलग लोगों की आर्मपिट्स में डियोडोरेंट स्प्रे करने के बाद उन्हें सूंघ कर देखना होता है और रिपोर्ट बनानी पड़ती है। इसमें भी 0 से 10 स्केल तक रैंकिंग करनी होती है। 0 स्केल का मतलब होता है कि डियोडोरेंट की स्मेल बहुत हलकी है। वहीं 10 स्केल का मतलब होता है कि यह असरदार है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही कंपनियां तय करती है कि उनका कौन-सा प्रोडक्ट सही और असरदार होगा और किसे मार्केट में लॉन्च किया जा सकता है। इस काम में पैरों को भी सूंघना पड़ता है। कई कंपनियां ऐसे भी प्रोडक्ट बनाती हैं जो पैरों की बदबू को दूर करने के लिए यूज किए जाते हैं।

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