मोटों से दोस्ती..जरा संभलकर
कोलकाता टाइम्स :
ये बात यूँ ही हवा में नहीं कही गई है बल्कि वैज्ञानिकों के ताज़ा शोध में सामने आई है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि जाने-अनजाने में व्यक्ति अपने आसपास रहने वाले मोटे व्यक्तियों से प्रभावित होता है। यानी अगर आपकी दोस्ती मोटे व्यक्तियों से है तो बहुत संभव है कि आप भी अपना वज़न बढा लें।
वारविक विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों समेत शोध में जुटी एक अंतरराष्ट्रीय टीम इस नतीजे पर पहुँची है। इस शोध के नतीजे हाल ही में अमरीका में हुए एक सम्मेलन में पेश किए गए। यूरोप भर में 27 हज़ार लोगों को शोध में शामिल किया गया।
शोध में शामिल लगभग आधी यूरोपीय महिलाओं ने माना कि उनका वज़न अधिक है, जबकि पुरुषों में ऐसा मानने वालों की तादाद एक-तिहाई रही।
शोध में शामिल वारविक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एंड्र्यू ओसवाल्ड ने कहा, “लोगों में कैलोरी खपत तो बढ़ रही है, लेकिन इससे हमें ये पता नहीं लगा कि लोग ज़्यादा क्यों खा रहे हैं।”
कुछ लोग ये तर्क देते हैं कि मोटापे की वजह सस्ता खाना है. लेकिन अगर मोटापे का संबंध लोगों की क्रय शक्ति से जुड़ा है तो फिर ऐसा क्यों पाया गया है कि आमतौर अमीर लोग ग़रीबों की तुलना में दुबले-पतले होते हैं।
नेशनल ओबेसिटी फ़ोरम के निदेशक डॉ डेविड हसलाम कहते हैं, “मोटापे को सामाजिक ताने-बाने से जोड़ना ठीक नहीं है।”