कब्ज से लेकर पेट के केंसर तक हर मर्ज की दवा है यह
कोलकाता टाइम्स :
एलोवेरा एक औषधि के रूप में जाना जाता है। इसका प्रयोग हम प्रचीन काल से ही करते आ रहें हैं. इसे ग्वारपाठा, धृतकुमारी जैसे कई अन्य नाम से भी जानते हैं। एलोवेरा के पौधे में रस सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. एलोवेरा के रस मे कई रासायनिक तत्वों के गुण भी पाए जाते हैं।
एलोवेरा में विटामिन्स, मिनरल्स, एमिनो एसिड, एंजाइम, और फैटी एसिड्स जैसे लगभग 200 तत्व पाए जाते हैं। जिनका इस्तेमाल बहुत सारी बीमारियों में घरेलू उपचार के तौर पर किया जाता है। एलोवेरा की पत्तियों में पाए जाने वाले जैल में 99 प्रतिशत पानी होता है जिससे इसका जूस भी आसानी से बनाया जा सकता है।
एलोवेरा का जूस पाचन क्रिया को सही ढंग से चलाने में मदद करता है। जब आपका खाना सही से पच नही पाता तो इससे पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां शुरू हो जाती हैं। पेट का सीधा संबंध सेहत से होता है। एलोवेरा जूस से पेट के अंदरूनी सफाई हो जाती है। इससे पाचन से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं खत्म हो जाती हैं। डायरिया और कब्ज जैसे प्रॉब्लम्स कोसों दूर रहती हैं। पेट के कैंसर की संभावनाएं भी काफी कम हो जाती हैं। यह पेट के एक्स्ट्रा बैक्टीरिया को मारकर आंतों को सुरक्षित रखता है।