‘भगवान भी ऐसे दरिंदे को बना शर्मसार’ कहकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया दोषी की फांसी की सजा रखा बरकरार
कोलकाता टाइम्स :
सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका बुधवार को खारिज कर दी। मामले की सुनवाई जस्टिस भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच कर रही थी। निर्भया मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा, कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें मानवता रोती है और यह मामला उन्हीं में से एक है। उन्होंने कहा कि दोषी किसी भी तरह की उदारता का हकदार नहीं है और भगवान भी ऐसे दरिंदे को बना शर्मसार होगा। जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए।
इससे पहले आज सुबह बेंच ने अक्षय के वकील एपी सिंह को दलील के लिए आधे घंटे का वक्त दिया। अक्षय के वकील ने जांच पर सवाल उठाते हुए तिहाड़ के पूर्व विधि अधिकारी सुनील गुप्ता की किताब का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इस किताब में राम सिंह की आत्महत्या पर सवाल उठाए गए हैं। सिंह ने रेयान इंटरनेशनल केस में स्कूल छात्र की हत्या का उदाहरण दिया। उन्होंने दलील दी कि इस मामले मैं बेकसूर को फंसा दिया था। अगर सीबीआई की तफ्तीश नहीं होती तो सच सामने नहीं आता। इसलिए हमने इस केस मे भी सीबीआई जैसी एंजेसी जैसे जांच की मांग की थी।