दर्शन तो सभी करते हैं, पर पूजता नहीं कोई, ऐसी है इस शिव मंदिर का सच
कोलकाता टाइम्स :
भगवान शिव की पूजा करने से सब कुछ प्राप्त होता है। और इनके हर मंदिर में इस समय में बड़े ही धूम धाम से पूजा की जाती है। लेकिन आज हम जिस मंदिर की बात करने जा रहें है वहां पर भगवान शिव का मंदिर तो है लेकिन उसकी पूजा नहीं होती है।
जी हम बात कर रहें है उत्तराखंड के जनपद पिथौरागढ़ से करीब 70 किलोमीटर दूर बल्तिर गांव की जहाँ पर एक शिव मंदिर है जिसमे कभी पूजा नहीं की जाती। क्यों ये भी हम आपको बताते है। इस मंदिर को एक हथिया शिव मंदिर कहा जाता है। दरअसल में यहाँ रहने वाले लोगो का कहना है की इस मंदिर का जब निर्माण हुआ था तो उसे कलाकार ने अपने एक ही हाथ से बनाया था और इसे लेकर दो तरह की कहानियाँ बताई जाती है।
पहली कहानी यह है की यहाँ पर एक मूर्तिकार था जो एक हाथ से परिपूर्ण नहीं था और इस बात का लोग मजाक उड़ाते थे, इसी बात से तंग आकर मूर्तिकार ने गाँव के बाहर एक चट्टान को काटकर मंदिर बना दिया और उसकी मूर्ति गलत कर दी जिस वजह से इसकी पूजा नहीं होती है।
दूसरी कहानी यह है की गाँव में एक मूर्तिकार था जिसके हाथ राजा ने इसीलिए कटवा दिए थे की वो उनकी अच्छी मूरत बनाने के बाद कभी कोई अच्छी मूरत ना बना सके, लेकिन बावजूद इसके मूर्तिकार ने शिव मंदिर और मूरत का निर्माण किया। जिसके बाद राजा ने आदेश दिया की कोई इसकी पूजा नहीं करेगा तब से उसकी पूजा नहीं की जाती।
अब क्या सच है क्या नहीं यह तो हम नहीं जानते लेकिन इतना बता सकते है की यहाँ पर शिव जी की पूजा नहीं होती है।