18 सालों तक 26 जनवरी ही था स्वतंत्रता दिवस,यह थी वजह
कोलकाता टाइम्स :
जैसा कि हम सब जानते हैं कि 26 जनवरी का दिन हमारे देश में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि कभी 26 जनवरी को ही देश में स्वतंत्रता दिवस मनाने की शुरूआत हुई थी और लगातार 18 सालों तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा। आईए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी….
वर्ष 1929 के दिसंबर महीने में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पास हुआ कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का पद नहीं देती है तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा।
इसके बावजूद 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया। इस दिन जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रावि नदी के किनारे तिरंगा फहराया।
इसके बाद भारत ने 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया और उस दिन से 1947 तक (देश के आजाद होने तक) 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके बाद देश आजाद हुआ और 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया।
हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 तक तैयार हो गया था। तब जो नेता थे उन्होंने दो महीने और रुकने का निर्णय लिया। और फिर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ और इस दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।