September 29, 2024     Select Language
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इन चीजों को जमीन पर रखा तो घर से कभी नहीं जाएगी दरिद्रता

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कोलकाता टाइम्स :

च्छे और सुखी जीवन के लिए शास्त्रों के अनुसार कई ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। जानिए ब्रह्मवैवर्तपुराण में बताए गए ऐसे काम जो कभी नहीं करना चाहिए। जो लोग ये काम करते हैं, उनके घर-परिवार में दरिद्रता बढ़ने लगती है। इन 8 चीजों को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इन्हें नीचे रखने से पहले कोई कपड़ा बिछाएं या किसी ऊंचे स्थान पर रखें।

इन चीजों को जमीन पर न रखें

1. दीपक

2. शिवलिंग

3. शालग्राम (शालिग्राम)

4.मणि

5. देवी-देवताओं की मूर्तियां

6. यज्ञोपवीत (जनेऊ)

7. सोना

8. शंख

इन तिथियों पर ध्यान रखें ये बातें हिन्दी पंचांग के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या,पूर्णिमा,चतुर्दशी और अष्टमी तिथि पर स्त्री संग, तेल मालिश और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।

सुबह उठते ही ध्यान रखें ये बातें

स्त्री हो या पुरुष, सुबह उठते ही इष्टदेव का ध्यान करते हुए दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। इसके बाद अधिक समय तक बिना नहाए नहीं रहना चाहिए। रात में पहने हुए कपड़ों को शीघ्र त्याग देना चाहिए।

इनका अनादर नहीं करना चाहिए

हमें किसी भी परिस्थिति में पिता,माता,पुत्र,पुत्री,पतिव्रता पत्नी,श्रेष्ठ पति, गुरु, अनाथ स्त्री, बहन,भाई, देवी-देवता और ज्ञानी लोगों का अनादर नहीं करना चाहिए। इनका अनादर करने पर यदि व्यक्ति धनकुबेर भी हो तो उसका खजाना खाली हो जाता है। इन लोगों का अपमान करने वाले व्यक्ति को महालक्ष्मी हमेशा के लिए त्याग देती हैं।

इस समय न करें समागम

दिन के समय और सुबह-शाम पूजन के समय स्त्री और पुरुष को समागम नहीं करना चाहिए। जो लोग यह काम करते हैं, उन्हें महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है। कई प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से स्त्री और पुरुष, दोनों को आंख और कान से जुड़े रोग हो सकते हैं। साथ ही, इसे पुण्यों का विनाश करने वाला कर्म भी माना गया है।

ध्यान रखें ये बातें

हम जब भी कहीं बाहर से लौटकर घर आते हैं तो सीधे घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। मुख्य द्वार के बाहर ही दोनों पैरों को साफ पानी से धो लेना चाहिए। इसके बाद ही घर में प्रवेश करें। ऐसा करने पर घर की पवित्रता और स्वच्छता बनी रहती है।

ब्रह्मवैवर्तपुराण का परिचय

यह पुराण वैष्णव पुराण है। इस पुराण के केंद्र में भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण हैं। यह चार खंडों में विभाजित है।

पहला खंड ब्रह्म खंड है, दूसरा प्रकृति खंड है, तीसरा गणपति खंड है और चौथा श्रीकृष्ण जन्म खंड है। इस पुराण में श्रेष्ठ जीवन के लिए कई सूत्र बताए गए हैं।

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