July 2, 2024     Select Language
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जब एक शर्मीला लड़का बन गया सीरियल ‘ट्विटर किलर’

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कोलकाता टाइम्स :

इंटरनेट और सोशल मीडिया ने भले ही हमें सभी को एक साथ ला दिया हो लेकिन इसमें एक खामी भी है। वो ये की सीरियल किलरों यानि की लोगों की हत्या करने वालों को सीधे तौर पर आम और कमजोर लोगों की जानकारी आसानी से मिल रही है। कई सालों में ऐसे कई किस्से सामने आए हैं कि सीरियल किलरों ने मारने के लिए अपने टारगेट खोजने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। इनमें से कई साइबर किलर इस आत्मविश्वास में काम करते हैं कि कोई भी उन्हें नहीं ढूंढ सकता। लेकिन ऐसा नहीं होता। जापान के एक ट्विटर सीरियल किलर की कहानी ने लोगों को हैरान कर दिया है। जानें कई भयानक और डरावनी हत्याओं के पीछे कौन था?

ताकाहिरो शिरायशी नाम का एक शख्स कई सोची-समझी हत्याओं के पीछे था। विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बचपन से ताकाहिरो एक शर्मीला बच्चा था। वो जब स्कूल में था तो उसके माता-पिता का तलाक हो गया। वो अपनी मां और बहन के साथ रहने लगा। स्कूल के दिनों में ही ताकाहिरो को सुपरमार्किट में काम करना पड़ा ताकि अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सके।

स्कूल के कई सालों बाद ताकाहिरो ने दो ट्विटर अकाउंट बनाए। एक का नाम रखा ‘आई वॉन्ट टू डाई’ (मैं मरना चाहता हूं) और दूसरे का नाम रखा ‘ए प्रोफेशनल एट हैंगिंग’ (लटकने में पेशेवर)। उसने अपने बारे में लिखा कि वो प्यार में दुर्भाग्यशाली था और अब एक साथ की तलाश में है। उसने उन लोगों की मदद का वादा किया जो आत्महत्या के विचार से जुझ रहे हैं।

कहा जा रहा है कि वो लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ट्विटर पर उन लोगों को फंसाता था जिनमें आत्महत्या करने की इच्छा उत्पन्न हो रही हो। ताकाहिरो ऐसे लोगों को कहता था कि वो उन लोगों की आत्महत्या करने में मदद करेगा। यहां तक की वो ये भी कह देता था कि उनके साथ वो भी अपनी जान दे देगा।

कुछ दिनों बाद पुलिस को उसके घर में नौ अधूरे शरीर और लगभग 240 हड्डियां, कूलर्स और टूल बॉक्स में मिली जिन्हें बिल्ली की गंदगी से ढका गया था जैसे कोई सबूत छिपाए जा रहे हों। उसपर उन लोगों को मारने और काटने का आरोप है जिन्हें उसने सोशल मीडिया पर फंसाया और फिर उनके शरीर के हिस्से कूल बॉक्स में बंद करके रख दिए। कहा जा रहा है कि सबूत छिपाने के लिए बिल्ली की गंदगी से ढकी गई मांस और हड्डियां आठ महिलाओं और एक पुरुष की हैं।

उसकी पांच महीने तक मानसिक रोग के लिए पूरी तरह से जांच की गई। इसके बाद साफ कर दिया गया कि उसे जुर्म के लिए करार किया जा सकता है। इन सभी जांच के बाद ही उसके खिलाफ केस दर्ज जेल भेजा गया ।

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