700 साल यहां से दो मंजिला मकान सोचना भी है मना
कोलकाता टाइम्स :
जहां हमारे देश बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने कर दुनिया करने में लगी वही इसी देश के एक गांव में लोग दो मंजिल का माकन बनाने से भी डरते हैं। चुरू जिला मुख्यालय से 51 किलोमीटर दूर सरदारशहर तहसील के गांव उड्सर में आपको आज भी कोई दो दो मंजिल मकान नहीं दिखेंगे।
इस डर के पीछे का राज छुपा है साल 1309 में जब इस गांव को उड़ सारण नाम के व्यक्ति ने अपने नाम पर बसाया था। गांव में वर्तमान में तकरीबन 500 के आस पास घर है। गांव के लोग इसके पीछे कई किवदंतियां सुनाते हैं. गांव वालों का कहना है, “700 साल पहले भोमिया नाम का व्यक्ति था, जो परम गोभक्त था. पास ही के गांव आसपालसर उनकी ससुराल थी। भोमिया जी की गायों में गहरी आस्था थी. एक समय गांव में कुछ लुटेरे आए और वह गायों को चुराकर ले जाने लगे। इस पर भोमिया जी की उन लुटेरों से भिड़ंत हुई। इस मुठभेड़ में भोमिया जी बुरी तरह घायल हो गए और घायल अवस्था में ससुराल में बने मालिये में छुप गए।”
गांववालों ने लुटेरे को भोमिया जी के मलिया (दूसरी मंजिल) में छुपे होने की जानकारी दी। एक बार फिर से लुटेरे का आमना-सामना हूआ. भोमिया जी का लड़का भी मुठभेड़ में लड़ते हुए शहीद हो गया। अंत तह भोमिया का धड़ उड्सर गांव में आकर गिर जाता है। जहां भोमिया का धड़ गिरता है वहां आज भी भोमिया जी का मन्दिर बना हुआ है। इसी दौरान भोमिया की पत्नी गांव वालों को श्राप दे दिया कि आज से घर पर कोई मालिया नहीं बना पाएगा। इसके बाद भोमिया की पत्नी सती हो गईं।” गांव के लोगों ने बताया कि उस दिन के बाद, जिस किसी ने मालिया बनाया, उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी हो गई। इसी डर से लोग आज भी अपने घरों पर दूसरी मंजिल मतलब मालिया नहीं बनाते।