January 19, 2025     Select Language
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सफ़ेद शंखपुष्पी, इससे बेहतर इलाज कुछ नहीं 

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कोलकाता टाइम्स :

युर्वेद ने एक शानदार जड़ी-बूटी का उल्लेख किया गया है जिसको हम शंखपुष्पी के नाम से जानते है। इसका लैटिन नाम शंखपुष्पी है जो की हरिणपदी कुल परिवार से सम्बंधित है। इसका हिन्दी नाम शंखुलि है इंग्लिश में इसे शंखपुष्पी कहते है।

शंखपुष्पी का पौधा लगभग 1 फुट ऊंचा होता है और इसकी पत्तियां 1 से लेकर 4 सेमी. तक लम्बी होती है। इसके पत्तों को अगर हम मसले तो हमें मूली के पत्तो जैसी सुगंध आने लगेगी. शंखपुष्पी के पौधे की शाखाएं पतली सफ़ेद रंग की होती है। शंखपुष्पी तीन रंग के पौधे में आता है – लाल, नीला, सफ़ेद।

1-सफ़ेद फूलों वाली शंखपुष्पी का पौधा सबसे उत्तम मान जाता है। शंखपुष्पी के पौधे के फल छोटे , गोल, चिकने, चमकदार और भूरे रंग के होते है। शंखपुष्पी के फूलों का आकार शंख के आकार का होता है। शंख आकार के फूल होने के कारण इससे शंखपुष्पी कहा जाता है।

2-शंखपुष्पी को सामान्य रूप से एक ब्रेन टॉनिक के रूप में कहा जाता है. • ये एक ऐसी जड़ी बूटी है जो तनाव के स्तर को कम कर देता है और एक मस्तिष्क को रिलैक्स करता है।

3-यह नुरोटोक्सिकित्य का स्तर नियंत्रित करता है. ये न केवल एक तनाव से छुटकारा दिलाता है बल्कि एक एंटी डिप्रेसेंट की तरह काम करता है। अवसाद और ये मस्तिष्क में जहर के प्रभाव को कम कर देता है. • यह स्मृति में सुधार लाने में काफी मदद करता है।

4-यह मस्तिष्क को तरोताज़ा करने में फायदेमंद है और एक मनोवैज्ञानिक उत्तेजक और ट्रैंक्विलाइज़र के रूप में काम करता है. • शंखपुष्पी जड़ी बूटी शांति और शांति की भावना लाती है और अच्छी नींद को लाने में भी मदद करती है।

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