सीधी राह बनी ही नहीं थी ‘बॉबी’ के लिए
कोलकाता टाइम्स :
कम वक्त में शोहरत हासिल करने वाली डिंपल कपाड़िया का जन्म 8 जून, 1957 को मुंबई में हुआ था। बचपन से ही डिंपल को फिल्मों का बहुत शौक था। राज कपूर की फिल्म ‘बॉबी’ में महज 15 वर्ष की उम्र अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली डिंपल ने अपनी पहली ही फिल्म से जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की। हालांकि वह इस लोकप्रियता को लंबे समय तक कायम नहीं रख पाईं। उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ शादी करने के बाद फिल्मों से किनारा कर लिया।
अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया की जिंदगी कभी सीधी राह पर नहीं चली है। मुंबई के एक गुजराती परिवार में डिंपल का जन्म हुआ। पिता चुन्नीलाल कपाड़िया पेशे से व्यापारी थे और उनका फिल्म दुनिया से जुड़े लोगों के बीच उठना बैठना था। इस तरह से डिंपल फिल्मी आबोहवा में ही बड़ी हुई थी और यहीं वजह था कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ सिल्वर स्क्रीन की ओर उनका झुकाव बढ़ता गया। पहली बार बतौर बाल कलाकार एचएस रवैल की फिल्म संघर्ष में नन्ही-मुन्नी डिंपल को वैजयंतीमाला के बचपन का रोल करने का ऑफर मिला था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। जब उनकी उम्र मात्र 15 साल थी, राज कपूर ने उन्हें बॉबी का ऑफर दिया था।
इसके बाद उनकी जिंदगी ने अलग राह पकड़ ली। अपनी पहली फिल्म से ही डिंपल रातों-रात स्कूल गर्ल से ‘सेक्सी रोमांटिक’ हीरोइन बनकर चमक उठीं। पहली फिल्म के लिए ही उन्हें फिल्मफेयर के बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके साथ ही बॉबी में डिंपल के कपड़े, स्टाइल आदि सब कुछ फैशन की दुनिया में एक मिशाल बन गया। लेकिन बॉबी की रिलीज से पहले ही अचानक उन्होंने राजेश खन्ना से ब्याह रचा लिया। राजेश खन्ना उस समय इंडस्ट्री के नंबर वन हीरो थे। राजेश के साथ डिंपल का शुरुआती परिचय भी एक अभिनव घटना थी।
असल में डिंपल को छिप-छिप कर सिगरेट पीने की आदत थी। एक दिन अपने घर में सिगरेट सुलगाते समय राजेश खन्ना ने उन्हें पकड़ लिया। राजेश ने उन्हें मना नहीं किया, बल्कि खुद ही उनका सिगरेट सुलगा दिया। बस, उस आग में डिंपल का मन भी सुलगता रहा। राजेश का भी कुछ ऐसा हाल था और परिवार वालों के मना करने के बावजूद डिंपल ने राजेश खन्ना से शादी रचा ली।
निजी जीवन में राजेश खन्ना पत्नी को लेकर बहुत रक्षणशील थे। इसलिए डिंपल की पढ़ाई-लिखाई, एक्टिंग सब कुछ बंद हो गया। अच्छी फिल्मों का ऑफर वापस करते हुए डिंपल काफी हताश हो चली थीं। इस बीच वो दो बेटियों, ट्विंकल और रिंकी की मां बन गई। डिंपल ने बेटियों को लेकर विवाहित जीवन जीना चाहा था, फिर भी उनके जीवन में अलगाव की प्रेतछाया पड़ने लगी, जिसका नतीजा कुछ ऐसा हुआ कि राजेश खन्ना और डिंपल अलग हो गए और दस साल बाद वे बेटियों को लेकर अपनी मां के पास चली आई। वे फिर से अभिनय के मैदान में उतर पड़ी और दोबारा उनके नायक बने ऋषि कपूर। उनकी जोड़ी की यह फिल्म सागर भी अच्छी चली और सिने प्रेमी बॉबी की डिंपल को वापस पा गए।
इस फिल्म के लिए एक बार फिर उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिला। रूपहले पर्दे पर हिट और फ्लॉप फिल्मों के साथ डिंपल का करियर दौड़ने लगा। ‘अजरुन’, ‘कब्जा’, ‘जख्मी’ ‘औरत’, ‘राम लखन’, ‘क्रांतिवीर’ जैसी कई हिट फिल्मों के साथ डिंपल का नाम जुडा। उन्होंने समांतर फिल्मों में भी खूब काम किया। काश, लेकिन, रुदाली, बांग्ला फिल्म अंतरीन आदि इसके सशक्त उदाहरण हैं।
काम के प्रति सोलह आना समर्पण और आत्मविश्वास डिंपल की सफलता की अहम कुंजी है। अंतरीन की शूटिंग के दौरान शॉट से फुरसत मिलते ही वो बांग्ला सीखती थीं। कल्पना लाजमी की फिल्म रुदाली के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बावजूद डिंपल ने उनकी अगली फिल्म में काम करने से इन्कार कर दिया।