कोरोना मामले में खुली पाकिस्तान की झूट की पोल, जनता का स्वास्थ्य नहीं इसलिए चाहिए पैसा
कोलकाता टाइम्स :
पाकिस्तान शायद कभी नहीं बदल सकता। कोरोना वायरस को लेकर भी जनता के स्वास्थ्य को अनदेखा कर दुनिया को कितना लूटना चाहता है इसका राज खुल गया। यहां तक कि वह कोरोना को लेकर भी दुनिया को पट्टी पढ़ा रहा इस बात का भी पता चल गया। पाकिस्तान की शिया के एक स्कॉलर ने कोरोना वायरस को लेकर पाकिस्तान द्वारा किए गए दावों की पोल खोल दी है। ये उन्होंने दावा किया है जिसमें पाकिस्तान में स्वास्थ्य संकट उत्पन्न होने की बात कही गई थी और इस के दम पर विश्व बैंक और एडीबी बैंक से कर्ज की मांग की गई थी।
शिया उलेमा काउंसिल पाकिस्तान के कराची अध्यक्ष मौलाना सैयद नजीर अब्बास तकवी ने बताया कि क्वेटा के एक स्वास्थ्य केंद्र में अधिकारियों की लापरवाही से एक व्यक्ति का निधन हो गया। ये व्यक्ति हाल ही में ईरान की यात्रा कर वापस लौटा था। उन्होंने बताया कि उसके मरने वाले व्यक्ति को हॉर्ट की परेशानी थी, जिसके इलाज के लिए वो अस्पताल आया था। लेकिन अधिकारियों ने लापरवाही के चलते उसके इलाज में देरी हो गई और उसने वहीं पर दम तोड़ दिया। मौलाना ने कहा कि डॉक्टर चाहते तो उसे बचा सकते थे। ये घटना पाकिस्तानी अधिकारियों की सच्चाई को बयां करती है।
उन्होंने पाकिस्तानी सरकार की सच्चाई बयां करते हुए कहा कि सरकार केवल धन एकत्र करने और उसे विदेश यात्रा पर खर्च करने पर केंद्रित रह गई है। वे नागरिकों पर कोई पैसा खर्च नहीं करना चाहती। कोरोना वायरस ने पाकिस्तान में दस्तक दे दी है और इसके कारण गुरुवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो मरीजों की मौत भी हो गई है।
बताते चलें कि पाकिस्तन में बीते गुरुवार को 100 से अधिक नए मामलों की रिपोर्ट के साथ, पाकिस्तान में COVID19 के सकारात्मक मामलों की कुल संख्या 377 हो गई। सिंध प्रांत में लगभग 213 मामले दर्ज किए गए।