June 26, 2024     Select Language
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हर दिन तीन रूप बदलती है यह माता

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कोलकाता टाइम्स :

ई चमत्कार होते हैं भारत में। ऐसे ही एक चमत्कारी मंदिर के बारे में हम आपको बताने जारहे हैं। जिसके बारे में आप नही जानते होंगे इस मंदिर में भी एक ऐसा चमत्कार होता है। आइये जानते हैं उस मंदिर के बारे में। ये चमत्कार धारी देवी के मंदिर में भी देखने को मिलता है। इस मंदिर में देवी माता दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। लेकिन इनका गुस्सा भी किसी से छुपा नहीं है, कहते हैं केदारनाथ में आया प्रलय धारी देवी के गुस्से का ही नतीजा था।

दरअसल, देवभूमि उत्तराखंड के रक्षक के रूप में धारी देवी को जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में रोजाना माता तीन रूप बदलती है। वह प्रात:काल कन्या, दोपहर में युवती व शाम को वृद्धा का रूप धारण करती हैं। पौराणिक कथाओ के अनुसार एक बार भयंकर बाढ़ में कालीमठ मंदिर बह गया था। लेकिन धारी देवी की प्रतिमा एक चट्टान से सटी होने के कारण धारो गांव में बह कर आ गई थी। गाँववालों का मनना है कि उन्हें धारी देवी की ईश्वरीय आवाज सुनाई दी थी कि उनकी प्रतिमा को वहीं स्थापित किया जाए। जिसके बाद गांव वालों ने माता के मंदिर की स्थापना वहीं कर दी।

वहां के पुजारियों के अनुसार मंदिर में माँ काली की प्रतिमा द्वापर युग से ही स्थापित है। कालीमठ एवं कालीस्य मठों में माँ काली की प्रतिमा क्रोध मुद्रा में है, परन्तु धारी देवी मंदिर में काली की प्रतिमा शांत मुद्रा में स्थित है। लेकिन शांत मुद्रा में दिखने वाली धारी माता के गुस्से को दुनिया ने उस वक्त देखा, जब देवभूमि पानी में समा गयी थी। उत्तराखंड में हाइडिल-पॉवर प्रोजेक्ट के चलते धारी देवी की प्रतिमा को 16 जून 2013 की शाम को हटाया गया था। प्रतिमा जैसे ही हटाई गई उसके कुछ घंटे बाद ही केदारनाथ में तबाही का मंजर देखने को मिला। कहते हैं यहीं मां काली की कृपा से महाकवि कालिदास को ज्ञान मिला था। शक्ति पीठों में कालीमठ का वर्णन पुराणों में भी मिलता है।

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