आश्चर्य से कम नहीं इस मुस्लिम देश में सदियो से जलती भवानी माँ की जोत
कोलकाता टाइम्स :
भवानी माता सिर्फ हिन्दुओ की माता मानी जाती है हमारे देश में धर्म को लेकर वैसे भी कई तरह के दंगे होते रहते है। लेकिन हमारे भारत में मां दुर्गा के अनेक मंदिर हैं लेकिन अगर किसी मुस्लिम देश में मंदिर मौजूद हो तो यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। अजरबैजान में सुराखानी नामक स्थान पर भगवती का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस देश की करीब 95 फीसदी आबादी मुस्लिम है। कई सदियां बीत गईं, लेकिन यह मंदिर शान से खड़ा है। हालांकि अब यहां न तो श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई देती है और न ही फिजाओं में जयकारे गूंजते हैं।इस मंदिर को आतिशगाह अथवा टेंपल ऑफ फायर नाम से भी जाना जाता है। यह नाम इसे एक विशेषता के कारण मिला है।
यहां कई वर्षों से एक पवित्र अग्नि निरंतर जल रही है। यह मंदिर मुख्यत: अग्नि को ही समर्पित है। चूंकि हिंदू धर्म में अग्नि को बहुत पवित्र माना जाता है। इसलिए यहां जल रही ज्योति को साक्षात भगवती का रूप माना गया है।
उल्लेखनीय है कि ऐसी ही ज्योति मां ज्वालाजी के मंदिर में भी जल रही है। मंदिर में प्राचीन वास्तुकला का उपयोग किया गया है। यहां एक बहुत ही पुराना त्रिशूल स्थापित है। पास ही अग्निकुंड से निरंतर लपटें निकलती रहती हैं। मंदिर की दीवारों पर गुरुमुखी में लेख अंकित हैं। मंदिर की कथा के अनुसार, पुराने जमाने में हिंदुस्तान के कारोबारी इसी रास्ते से सफर करते थे। उन्होंने मां ज्वालाजी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए यह मंदिर बनवाया।