‘महिलाओं की अश्लीलता की वजह से अल्लाह ने दी कोरोना की सजा’
मौलाना की इस टिप्पणी को लेकर जमकर विवाद हुआ है। राइट्स एक्टिविट्स और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर की गई इस टिप्पणी की निंदा की है. मौलाना ने ये टिप्पणी COVID-19 से प्रभावित लोगों के लिए धन जुटाने के लिए 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री इमरान खान के टेलीथॉन के दौरान की थी।
मौलाना के इस कमेंट के विरोध में जहाँ कानून और न्याय के संसदीय सचिव बैरिस्टर मालेका बोखारी ने ट्वीट किया, वहीं संघीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने महिलाओं के बारे में “भद्दी” टिप्पणी के लिए मौलवी की आलोचना करते हुए कहा, COVID-19 महामारी के पीछे महिलाओं के छोटी आस्तीन पहनने को कारण बताना पूरी तरह गलत है। ऐसा करके युवाओं को गुमराह किया जा रहा है. यह या तो महामारी के बारे में अज्ञानता को दर्शाता है या एक गलत मानसिकता वाली सोच को पूरी तरह अस्वीकार्य है।