July 4, 2024     Select Language
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15 करोड़ के पेट पर सागर की यह खूबसूरती का संकट   

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कोलकाता टाइम्स :

क्षिण एशिया के 15 करोड़ इंसानों के लिए भोजन मुहैया कराने वाला अरब सागर इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। अरब सागर में एक जहरीला शैवाल बहुत तेजी से फैल रहा है जो मछलियों के लिए संकट का बड़ा सबब बन गया है। ‘बर्फ का खजाना’ कहे जाने वाले हिमालय के ग्‍लेशियर पिघलने का बेहद गंभीर असर अब समुद्र पर भी दिखाई देने लगा है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ताजा शोध से पता चला है कि हिमालय की बर्फ पिघलने से अरब सागर में बड़े पैमाने पर जहरीला हरा शैवाल फैल रहा है। भारत, पाकिस्‍तान और खाड़ी देशों के तटों पर फैल यह शैवाल इतना विशाल है कि उसे अंतरिक्ष से भी असानी से देखा जा सकता है।  आइए जानते हैं क्‍या है पूरा मामला- नासा ने की जारी जहरीले शैवाल की तस्‍वीर नासा की ओर से जारी की गई तस्‍वीरों से पता चलता है कि समुद्र में पाया जाने वाला शैवाल Noctiluca scintillans अरब सागर के तटीय इलाके में बहुत तेजी से पैर पसार रहा है। Noctiluca scintillans को ‘समुद्री चमक’ भी कहा जाता है।

इस जहरीले शैवाल की वजह से अरब सागर में मछलियों के अस्तित्‍व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दक्षिण एशिया में इन्‍हीं मछलियों पर 15 करोड़ लोग भोजन के लिए निर्भर हैं। हिमालय की पिघल रही बर्फ बनी वजह शोधकर्ताओं ने कहा है कि हिमालय और तिब्‍बत के पठार पर लगातार कम होती बर्फ से अरब सागर में समुद्र की सतह लगतार गरम हो रही है।

यह प्‍लवक समुद्र की ऊपर सतह पर पाए जाते हैं. उधर, Noctiluca scintillans को सूरज के रोशनी और पोषक पदार्थों की जरूरत नहीं होती है. यह शैवाल अन्‍य जीवों का खाकर जिंदा रहता है। इसके प्रसार की हालत यह है कि ओमान में तो इस शैवाल की वजह से तेल रिफाइनरी को अपना काम कम करना पड़ा।

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