July 2, 2024     Select Language
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चना बेचने वाला जब बन गया सुपस्टार

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कोलकाता टाइम्स :

हते है कि किस्मत किसकी कहा चमक जाये कुछ कहा नही जा सकता हैं। भोजपुरी के सुपरस्टार फिल्म एक्टर खेसारी लाल यादव की किस्मत भी कुछ इसी तरह चमकी। एक गाने से रातो रात सुपरस्टार बनने वाले खेसारी लाल यादव आज जिस मुकाम में हैं उस मुकाम तक पहुँचने के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया हैं वो आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं। छपरा जिले के रहने वाले खेसारी लाल लिट्टी की दुकान लगाने से पहले से दिल्ली में धागा की कटाई करते थे।

उसके बाद उनके पापा ने उनकी शादी करवा दी जिसके बाद वो घर का खर्च चलाने के लिए दिल्ली के ओखला के संजय कॉलोनी में लिट्‌टी का दुकान चलाने लगे इस कार्य में उनकी पत्नी भी उनका सहयोग करती थी। ये सिलसिला करीब ढाई सालों तक चला। इसी दौरान खेसारी लाल की बीएसएफ में नोकरी लग गई मगर उनका मन नोकरी में नही लगा। इसलिए वो नोकरी छोड़ दिल्ली आ गए खेसारी को गाने का बहुत शौख हैं। उन्होंने कुछ पैसे बचाकर खुद का एक एलबम निकाला और एलबम हिट हो गया। और लोग खेसारी लाल को पहचानने लगे।

गौरतलब हो कि खेसारी लाल भोजपुरी फिल्मो में काम करने से पहले भोजपुरी में गाना गाते थे। कई गाने फ्लॉफ़ हो गए। मगर एक गाने ने खेसारी लाल को रातों रात फेमस कर दिया। 2008 में खेसारी का गाना भौजी केकरा से लड़ब पिया अरब गईले ना हिट हो गया। इस गाने की करीब 70-80 लाख सीडी बिकी थी। खेसारी ने बताया की इसके बाद इन्हें पहली फिल्म मिली साजन चले ससुराल जो सिल्वर जुबली साबित हुई इस फिल्म के लिए खेसारी को 11 हजार रुपए मिला था। इसके बाद  खेसारी के पास कई फिल्मो के ऑफर आने लगे। खेसारी ने बताया की अबतक 50 से अधिक फिल्मों में काम कर चुका हूं जिनमे  से पांच फिल्मे तो लगातार सिल्वर जुबली रही।  खेसारी ने अपने बचपन बारे में बताते हुए कहा कि बचपन गांव में बीता गाँव में मैं भैंस चराने जाया करता था। इसके बाद पिता जी परिवार के खर्चे के लिए दिल्ली आ गए दिल्ली आने के बाद वो चना बेचने का काम करते थे।

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