100 बिमारियों का सिर्फ यह एक ही हल
कोलकाता टाइम्स :
पारंपरिक रूप से चुकंदर शरीर में नया खून बनाने वाले फ़ल के रूप में जाना जाता है। चुकंदर लिवर, पित्ताषय, तिल्ली, और गुर्दे के विकारों को लाभप्रद पाया गया है। इन अंगों के दूषित तत्वों को बाहर निकालने की शक्ति चुकंदर में पाई गई है।
चुकंदर में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। केल्शियम,फ़ास्फ़ोरस और लोह तत्व भी खूब होता है। इसमें पाये जाने वाले आयरन से कब्ज नहीं होती है. चुकंदर अपने क्षारीय तत्वों की वजह से अम्लपित्त(एसीडीटी) में उपयोगी रहता है।
चुकंदर धमनियों में केल्शियम जमने के रोग में अति उपयोगी है। चुकंदर ब्लड प्रेशर को सामान्य और नियमित करता है। चुकंदर के जूस में शहद मिलाकर पीने से आमाषय के अल्सर में लाभ मिलता है। चुकंदर का जूस और गाजर का जूस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से पित्ताषय(गाल ब्लाडर) और किडनी के रोग नष्ट होते हैं।
चुकंदर में पाया जाने वाला क्लोरिन लिवर के विजातिय पदार्थों को निष्कासित करने(डिटाक्सीफ़ाई) में मददगार होता है। चुकंदर में सोडियम, पोटेशियम, फ़ासफ़ोरस, केल्यशियम, आयोडीन, आयरन, ताम्र, विटामिन-बी1, बी2, बी3, बी6 और विटामिन “सी” पाया जाता है।