बेहत जरुरी : मेडिकल इंश्योरेंस से पहले इन 4 बातों को नहीं जाना तो गए …
कोलकाता टाइम्स :
यदि आप मेडिकल इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस कराने का सोच रहे है तो अपने एजेंट से इन चार बातों के बारे में जरूर पूछ ले।
1. पॉलिसी मैं कौन सी बीमारियां कवर: आप पॉलिसी का चुनाव करने के लिए सिर्फ प्रीमियम और मिलने वाले इन्श्योरेंस कवर पर फोकस न सीमित रखें। आप एजेंट से पूछें आपकी पॉलिसी के तहत कौन सी बीमारियां कवर हैं। उदाहरण के लिए पता करें कि पॉलिसी में ओपीडी खर्च कवर या पॉलिसी बेनिफिट के लिए मिनिमम हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत होगी। इसी तरह से कुछ पॉलिसी सिर्फ क्रिटिकल इलनेस को कवर करती हैं या उनमें हॉस्पिटल कैश बेनिफिट जैसे फीचर्स होते हैं. इससे आपको सभी जानकारी मिल जाएगी और पोलिसी का पूरा लाभ ले सकेंगे।
2. जानिए क्या है प्रावधान: आम तौर पहले चार वर्ष तक प्री एग्जिस्टिंग डिजीज को कवर नहीं किया जाता है। इसी तरह से ज्यादातर हेल्थ इन्श्यारेंस पॉलिसी पहले 60 से 90 दिन तक क्लेम नहीं लेतीं हैं। इसके लिए भी आप अपने एजेंट से सवाल पूछें और पूरी जानकारी हासिल हासिल करें। इससे आपको पता चल पाएगा की शुरू में इलाज के लिए क्या प्रावधान होगा और भुगतान कैसे हो सकेगा।
3. कितना है वेटिंग पीरिएड: तमाम पॉलिसी में एक्सक्लूजन लिस्ट अलग अलग होती है। बेहतर होगा आप पॉलिसी खरीदने से पहले एक्सक्लूजन लिस्ट को ध्यान से देख लें। उदाहरण के लिए कुछ पॉलिसी मैटेरनिटी एक्सपेंसेज, डेंटल ट्रीटमेंट, रूटीन टेस्ट, कांट्रैक्ट सर्जरी को करती हैं। हो सकता है कि कुछ पॉलिसी में यह कवर न हो ओर कम से कम वेटिंग पीरिएड तक इसे कवर न किया जाए।
4. क्या है सब लिमिट: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सब लिमिट और सब लिमिट दोनों तरह की होती है। सब लिमिट क्लाज वाली पॉलिसी एक सीमा से रूम रेंट खर्च, डॉक्टर की फीस आदि कवर नही करती। पॉलिसी के प्रकार के आधार पर यह लिमिट अलग-अलग होती है। किसी भी सरप्राइज से बचने के लिए इंश्योरेंस एजेंट से सब लिमिट के बारे में पूछिए।