अकेलेपन से मौत में रिकॉर्ड बना चूका है यह देश
कोलकाता टाइम्स :
इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका अकेलापन ही होता है। अकेले रहने वाला इंसान एक समय में जीते जी मर जाता है। साल 1994 में एक फिल्म आई थी ‘The Shawshank Redemption’ इस फिल्म में एक शख्स को उसकी जवानी के दिनों में खतरनाक जुर्म के लिए उम्रकैद हो जाती है। लेकिन जेल में अच्छे व्यव्हार के चलते उसे बुढ़ापे के दिनों में रिहा कर दिया जाता है। जेल से बाहर आकर इस व्यक्ति को बाहरी दुनिया रास नहीं आती और वो अकेला-अकेला महसूस करने लगता था। उसे जेल की याद आने लगती थी क्योकि वहां के लोग उसका परिवार बन गए थे। आजाद होने के बाद भी बुढ़ापे के अकेलेपन ने उसे इस तरह घेर लिया था कि उसने आत्महत्या कर ली थी।
ये तो एक फिल्म की कहानी थी लेकिन रियल लाइफ में भी जापान में बहुत से बुजुर्ग व्यक्ति अकेलेपन के शिकार है। कोडोकुशी (KodoKushi) एक ऐसी बीमारी है जिसमे अकेलेपन से व्यक्ति की मौत हो जाती है। वैसे तो पूरी दुनिया में अकेलेपन से कई लोगो की मौत हो गई लेकिन इस बीमारी के चलते जापान में मौत का स्तर सबसे ज्यादा है। साल 1980 में पहली बार KodoKushi नाम की बीमारी सामने आई थी. और इस बीमारी का नाम खासतौर से बुढ़ापे में अकेलेपन से मौत होने पर बना है।
जापान की 27.7 प्रतिशत जनसँख्या 65 वर्ष से ज्यादा उम्र की है। पार्टनर के चले जाने के बाद इस उम्र में इन्हे नया पार्टनर मिलने मुश्किल होता है जिसके बाद ये अकेलेपन का शिकार होने लगते है। और धीरे-धीरे ये मौत का शिकार हो जाते है. इस बीमारी से मौत के मामले में इस वक़्त जापान सबसे आगे है।