कोलकाता टाइम्स :
मधुबाला, रेखा, माधुरी दीक्षित और काजोल जैसी बॉलीवुड की टॉप की हीरोइनों को कथक सिखाकर अपने इशारों पर नचाने वाली मशहूर कथक डांसर सितारा देवी ने 94 साल की जिंदगी अनोखी और हैरत भरी रही है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सितारा देवी आठ साल की उम्र तक अपने माता-पिता से मिल नहीं पाई थी। बताया जाता है कि जन्म से सितारा देवी का मुंह टेढ़ा था और बेटी का टेढ़ा मुंह देखकर उनके माता-पिता डर गए। माता-पिता ने सितारा देवी को पालने के लिए एक दाई को सौंप दिया और आठ साल तक वे अपने माता-पिता से दूर रहीं।
सितारा देवी का जन्म 8 नवंबर 1920 को कलकत्ता में हुआ था। उनका मूल नाम धनलक्ष्मी था और घर में उन्हें धन्नो कहकर पुकारा जाता था। सिर्फ आठ साल की उम्र में उनका बाल विवाह हो गया था। स्कूल जाने की जिद के चलते उनका विवाह टूट गया। विवाह टूटने के बाद उन्होंने पढ़ाई की और नृत्य भी सीखा। उन्होंने मदर इंडिया, वतन, वतन समेत कई फिल्मों में काम किया।
60 दशक से भी ज्यादा समय तक एक प्रतिष्ठित डांसर रही सितारा देवी ही थी जो इस विधा को बॉलीवुड में लेकर आईं। 1973 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा की गई थी, लेकिन उन्होंने ये इसे ये कहते हुए ठुकरा दिया था कि इस जगत में उनका योगदान बहुत बड़ा है और वो भारत रत्न से कम की उम्मीद नहीं रखती।