खुल जायेंगे भाग्य के द्वार हर गुरूवार जो करेंगे ….
कोलकाता टाइम्स :
बृहस्पति देवता को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना जाता है। बृहस्पति जी भगवान विष्णु का ही रूप हैं ऐसी मान्यता है। साथ ही विष्णु जी धन की देवी लक्ष्मी के पति भी हैं। अत: गुरूवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र और अन्य मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इससे परिवार में सुख तथा शांति बनी रहती हैं। बहुत से अविवाहित लोग गुरूवार का व्रत जल्दी विवाह करने के लिये भी करते हैं।
इस दिन ब्रह्स्पतेश्वर महादेव जी की भी पूजा होती है। व्रहस्पति वार के व्रत में दिन में एक समय ही बिना नमक का भोजन करना चाहिए। अच्छा होगा भोजन चने की दाल का बना हुआ हो। इस दिन पूजा करने वाले पीले वस्त्र और पीले पुष्प धारण करें। भगवान विष्णु और बृहस्पति गुरू की पीले रंग के फूल, चने की दाल, पीले कपड़े तथा पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए। साथ ही इस व्रत मे केले का पूजन भी करना चाहिए।
पूजा विधि
गुरूवार को सुबह उठकर बृहस्पति देव का पूजन करना चाहिए। इसके लिए स्नान आदि करके पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ा कर भगवान को प्रसन्न करें फिर केले के पेड़ की पूजा करें। बृहस्पतिवार की व्रत का पाठ करें और उनकी आरती करें। कथा पूजन के दौरान किसी से भी बात ना करें।