अब जापान ने कहा ‘समेटो और वापस आओ’, टूट सकती है ड्रैगन की कमर!
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कोलकाता टाइम्स :
अब चीन के खिलाफ भारत के साथ खड़ा होने वाले देशों में एक और नाम जुड़ गया है, वो है जापान। ड्रैगन के खिलाफ उठती आवाजों के बीच जापान शी चिनपिंग के आधिकारिक दौरे को रोकने का फैसला करने जा रहा है। दरअसल, कोरोना वायरस कोविड 19 महामारी की वजह से जापान ने चीन के राष्ट्रपति के दौरे को अप्रैल में टाल दिया था और अब वो दौरा इस साल संभव होता नहीं दिख रहा है।
सिर्फ एही नहीं कोरोना के प्रकोप के देखते हुए जापान की शिंजो आबे सरकार ने 108.2 ट्रिलियन येन (US $ 993 बिलियन) मूल्य के एक प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दे दी है, जो जापान की आर्थिक उत्पादन के 20 प्रतिशत के बराबर है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए। कुल राशि में से, उसने अपने निर्माताओं को चीन से उत्पादन को स्थानांतरित करने में मदद करने के लिए यूएस $ 2.2 बिलियन का निवेश किया है।
बता दे, चीन जापान को 148 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात करता है और जापान के इस फैसले से उसके व्यापार को जोरदार धक्का पहुंचेगा।
कोविड 19 महामारी की शुरुआत चीन से हुई और इसके बाद एक एक करके दुनिया के तमाम देशों और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता चला गया। अब हाल के बदलते अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के बीच चीन और जापान के रिश्तों में भी खटास आ गयी है ।
दरअसल, हांगकांग पर नेशनल सिक्यॉरिटी कानून लागू किए जाने की वजह से जापान के प्रधानमंत्री शिंजों आबे की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से शी चिनपिंग के जापान दौरे पर दोबारा विचार करने की अपील की है। हांगकांग पर नेशनल सिक्यॉरिटी कानून लागू किए जाने के कारण जापान को इस बात का भी डर है कि इस नए कानून की वजह से हांगकांग में जापान के लोगों और कंपनियों के अधिकारों में कटौती की जाएगी।