चीन की नयी चाल : 8 साल पहले जिसे भारत ने ख़त्म किया उसे फिर जिन्दा कर इस्तेमाल की फ़िराक
अल बद्र के दो निर्धारित उद्देश्य थे- जिसमें कश्मीर स्वतंत्र संग्राम को मजबूत करना उनका प्रथम लक्ष्य था। जबकि उनका दूसरा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को भारत से मुक्त करने और पाकिस्तान के साथ विलय करना था। इस समूह का अफगानिस्तान और जम्मू-कश्मीर में हिंसा का बड़ा इतिहास है, और रिपोर्टों के मुताबिक, यह संयुक्त जिहाद संगठन का हिस्सा है जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकवादियों का एक बड़ा समूह है।
गौरतलब है कि भारत ने अल बद्र पर साल 2002 में मुकदमा चलाया था और इसके प्रमुख नेताओं के बेअसर हो जाने के बाद यह समूह खत्म हो गया था। ग्रुप को जमात-ए-इस्लामी और आईएसआईसी से पैसा मिलता था। जम्मू और कश्मीर पुलिस को भी अल बद्र के पुनरुद्धार की भनक लग चुकी है।